
Ravichandran Ashwin: बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई के एम. चिदंबरम स्टेडियम (MA. Chidambram stadium) में शुरू हुए पहले टेस्ट के पहले दिन ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने दिन का आकर्षण अपने इर्द-गिर्द कर लिया. यूं तो पारी रवींद्र जडेजा ने भी नाबाद 86 रन की खेली, लेकिन यह अश्विन के करियर के छठा शतक ही रहा, जो करोड़ों भारतीय, पूर्व क्रिकेटरों और पंडितों के बीच चर्चा का विषय बन गया. शतक की विशेषता यह भी रही कि अश्विन ने करीब 92 के स्ट्राइक-रेट से यह पारी खेली. बहरहाल, अश्विन ने इस शतकीय पारी से वह कारनामा कर दिखाया, जो 92 साल के इतिहास में कोई दूसरा भारतीय नहीं ही कर सका, लेकिन इस कारनामे के साथ ही अश्विन के सामने एक नया चैलेंज भी खड़ा हो गया है.
अश्विन का शतक, दो दिग्गज पीछे!
भारतीय ऑफी का यह शतक उनका नाम इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज करा गया. दरअसल जब बात टेस्ट इतिहास में नंबर आठ पर बैटिंग करते हुए शतक बनाने की आती है, तो अश्विन को छोड़कर कोई भी चार शतक नहीं बना सका है. उनके बाद तीसरा नंबर संयुक्त रूप से पाकिस्तान के कामरान अमकल और विंडीज के जेसन होल्डर का है. इन दोनों ने ही नंबर-8 पर खेलते हुए तीन-तीन शतक जड़े हैं.
अश्विन के सामने अब नया चैलेंज
अश्विन ने वह कारनामा तो कर दिखाया, जो 92 साल के भारतीय टेस्ट इतिहास में कोई नहीं कर सका, लेकिन अब उनके सामने चुनौती न्यूजीलैंड के डेनियल विटोरी की बराबरी या उनसे आगे निकलने की है. विटोरी ने इस क्रम पर बैटिंग करते हुए पांच शतक जड़े हैं. अश्विन अपनी उम्र के 39वें साल में हैं, लेकिन जिस तरह की इच्छाशक्ति वह दिखाते आए हैं, अगर वह यह कारनामा कर दें, तो हैरानी की बात नहीं होगी.
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