
IND vs AUS 2nd Test: खिलाड़ी के तौर पर जुझारूपन और लंबे करियर के लिए अपनी पहचान बनाने वाले राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid on Pujara 100th Test) ने भारत के लिए अपना 100वां टेस्ट मैच खेलने की दहलीज पर खड़े अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) की तारीफ करते हुए कहा कि इसके लिए कौशल के साथ समर्पण की भी जरूरत होती है. पुजारा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy) के दिल्ली में खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट मैच के दौरान 100 टेस्ट मैच के आंकड़े को छुएंगे.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 13 साल बिताने वाले पुजारा (Pujara Test Record) के नाम 7000 से ज्यादा रन और 19 शतक दर्ज हैं. वह 100 टेस्ट मैच की उपलब्धि छूने वाले 13वें भारतीय क्रिकेटर बनेंगे. भारत के लिए महान सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने वाले द्रविड़ ने कहा,
‘‘ यह किसी भी खिलाड़ी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. हां, आपको प्रतिभा की जरूरत है लेकिन आपको बहुत सी अन्य चीजों की जरूरत है. यह आपकी खेल की लंबी उम्र और कई अन्य चीजों का प्रतिबिंब है. यह आपकी फिटनेस, आपके जुझारूपन के साथ सफलता और असफलता को संभालने की क्षमता को दर्शाता है.''
जब कोई खिलाड़ी लगभग डेढ़ दशक तक शीर्ष स्तर पर होता है, तो उसे मैदान के अंदर और बाहर बहुत सारे सवालों का सामना करना पड़ता है। द्रविड़ को लगता है कि राजकोट के पुजारा ने ऐसी परिस्थितियों को आत्मविश्वास के साथ संभाला है. भारत के लिए 164 टेस्ट मैच खेलने वाले द्रविड़ ने कहा, ‘‘जब आप 100 मैच खेलते हैं तो ऐसा नहीं हो सकता कि आपने उतार-चढ़ाव न देखा हो. आपको बाधाओं को पार करना होता है और जब आप अलग तरह की गेंदबाजी का सामना करते हैं तो दर्द को सहन करने की आवश्यकता होती है. मैदान के अंदर और और बाहर आपको विभिन्न प्रकार के सवालों का जवाब देना होता है.''
भारतीय कोच ने कहा, ‘‘100 टेस्ट खेलने के लिए आपको कम से कम 10 साल चाहिए और वह 13-14 साल से खेल रहा है और यह उनके कौशल का सम्मान है. यह कौशल के अलावा और भी कई चीजों के बारे में है.'' द्रविड़ ने कहा, ‘‘वह काफी लोकप्रिय खिलाड़ी है और हमें खुशी है कि उसे 100 टेस्ट मैच खेलने का मौका मिल रहा है. उसने इस दौरान कई यादगार पारियां खेली.''
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