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Ind vs Aus 1st Test: पहले टेस्ट से पहले सेलेक्टरों का यह "प्लान B" हुआ फिस्स, अब क्या फैसला लेगा प्रबंधन

India vs Australia 1st Test: पहला टेस्ट 22 नवंबर से तेज माने जाने वाली पर्थ की पिच पर है. टीम इंडिया के सामने सवाल अब बहुत बड़ा है

Ind vs Aus 1st Test: पहले टेस्ट से पहले सेलेक्टरों का यह "प्लान B" हुआ फिस्स, अब क्या फैसला लेगा प्रबंधन
India vs Australia: पहले टेस्ट से पहले टीम इंडिया का सिरदर्द बहुत ज्यादा बढ़त गया है
नई दिल्ली:

India vs Australia 1st Test:  हाल ही में अपनी धरती पर न्यूजीलैंड के हाथों 0-3 से हुए सफाए के बाद मचे घमासान के बीच टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज की तैयारी में व्यस्त है. केएल राहुल (KL Rahul) और विकेटकीपर ध्रुव जरेल को काफी पहले ही दौरे के लिए रवाना करना प्लान "बी" का हिस्सा था, जो नियमित कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के शुरुआती दो टेस्ट मैचों के लिए उपलब्ध न रहने की खबरों के बीच सेलेक्टरों ने तैयार किया था. फिर से बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 22 नवंबर से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज के शुरुआती दोनों टेस्ट मैचों में रोहित का खेलना मुश्किल है क्योंकि वह इसी समयावधि के दौरान दूसरी बार पिता बनने जा रहे हैं. बहरहाल, काफी तेज आंके जाने वाली पहले टेस्ट की पर्थ  पिच को लेकर अब सवाल यह है  प्लान "बी" की नाकामी की बाद अब प्रबंधन के सामने क्या रास्ता बचा है और कोच इस बाबत क्या गंभीर रास्ता निकालेंगे?

गंवा दिया मौका, अब कैसे बनेगी बात?

सेलेक्टरों ने केएल राहुल और ध्रुल  जुरेल को काफी पहले ही ऑस्ट्रेलिया "ए" के खिलाफ भारत "ए" टीम का हिस्सा बनाने के लिए इसलिए रवाना किया, जिससे पहले टेस्ट में रोहित की अनुपस्थिति में दूसरे छोर पर जायसवाल के जोड़ीदार को सुनिश्चित करने के साथ ही उसे जरूरी कॉन्फिडेंस भी दिया जा सके, लेकिन यह प्लान "बी" बुरी तरह औंधे मुंह जमीन पर गिरा क्योंकि मैच की दोनों ही पारियों में न ही केएल राहुल मौके का फायदा उठा सके और न ही घरेलू रन मशीन अभिमन्यु ईश्वरन ही उम्मीदों पर खरा उतर सके. पहली पारी में अभिमन्यु खाता भी नहीं खोल सके, तो केएल चार ही रन बना सके थे. यहां से दोनों के पास सेलेक्टरों को प्रभावित करने का "आखिरी मौका" दूसरी पारी में था, लेकिन शुक्रवार को दूसरे दिन अभिमन्यु 17 तो केएल 10 ही रन बना सके. और इस तरह रोहित के विकल्प को पाने का प्लान बुरी तरह से फेल हो गया.

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कोढ़ में खाज यह भी है कि...

रोहित बाहर...केएल राहुल और ईश्वरन दोनों टेस्ट में प्लाप..मानो इतना ही काफी नहीं है. पिछले कुछ सालों में आईपीएल में शानदार प्रदर्शन कर रहे और भारत "ए" के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ भी सेलेक्टरों को यह भरोसा देने में  नाकाम रहे कि अगर केएल और अभिमन्यु नहीं चले तो "मैं हूं न!" गायकवाड़ भी दोनों ही पारियों में रन नहीं बटोर सके. वह पहली पारी में चार, तो दूसरी पारी में सिर्फ 11 रन ही बना सके. मतलब रोहित के ओपनिंग के तीनों संभावित विकल्प फिस्स हो गए. 

...कहीं अब यह फैसला न ले लें रोहित!

आप सोच रहे होंगे कि अब गंभीर क्या फैसला लेंगे? दरअसल इसकी संभावना पैदा कर दी हैं विकेटकीपर ध्रुव जुरेल की पहली पारी में बेहतरीन 80 रन की पारी ने. जहां, तमाम शीर्ष दिग्गज दहाई का भी आंकड़ा नहीं छू सके, तो जुरेल ने ऐसे में दिखाया कि कंगारू पिचों खास कर पर्थ की तेज पिच के लिए उनके पास सीधे बल्ले से सजी अच्छी तकनीक और मनोदशा दोनों ही हैं. धैर्य की परीक्षा में तो वह इंग्लैंड के खिलाफ कुछ महीने पहले ही अपनी मनोदशा का प्रमाण दे चुके थे कि वह संकट में क्या कर सकते हैं. ध्रुव जुरेल के पास वह जरूरी धैर्य है, जिसकी रक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर उनके जैसी ही अच्छी तकनकी की जरुरत पड़ती है. जुरेल सीधे बल्ले से खेलते हैं और अगर उनसे पारी की शुरुआत कराने का फैसला लिया जाता है, तो यह क्लिक कर सकता है. बात दो सौ फीसद एकदम साफ है कि ध्रुव को पहले टेस्ट की इलेवन से बाहर रखना बड़ा अपराध सरीखा होगा क्योंकि तीनों वैकल्पिक ओपनरों की नाकामी ने प्रबंधन के सामने ध्रुव को इस्तेमाल करने के दोनों विकल्प दे दिए हैं. बतौर ओपनर भी और मिड्ल ऑर्डर में भी. देखते हैं कि क्या "गंभीर" फैसला होता है?

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