
हाल ही में न्यूजीलैंड के हाथों बुरी तरह पिटने के बाद अब टीम इंडिया का अगला बड़ा चैलेंज इसी महीने से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (Ind vs Aus) शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज है. पहला टेस्ट मैच 22 नवंबर से पर्थ में खेला जाएगा, लेकिन हालात टीम के बहुत ही असमंजस भरे हो चले हैं. ताजा खबर यह है कि भारतीय प्रबंधन अब टेस्ट सीरीज से पहले प्रैक्टिस मैच बल्कि ज्यादा नेट अभ्यास चाहता है. बीसीसीआई (BCCI) की बेचैनी इससे आप समझ सकते हैं कि केए राहुल और ध्रुव जुरेल को काफी पहले ही ऑस्ट्रेलिया रवाना कर दिया गया. दोनों ही फिलहाल वीरवार से ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ शुरू हुए पांच दिनी अनाधिकारिक टेस्ट में भारत "ए" के लिए खेल रहे हैं. वहीं, कप्तान रोहित की शुरुआती दो टेस्ट मैचों के लिए उपलब्ध न रहने की खबरों के बीच बड़ा सवाल पैदा हो गया है, जिसमें वीरवार को वजह और ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि केएल राहुल ही नहीं, बल्कि अभियन्यु ईश्वरन दोनों ही ओपनिंग के ट्रॉयल के "पहले राउंड" में औंधे मुंह जमीने पर जा गिरे.
इसलिए और वजनदार हो गया बड़ा सवाल
रोहित के उपलब्ध न रहने की खबरों के बीच बीसीसीआई ने जायसवाल के साथ दूसरे छोर पर जोड़ीदार तलाशने लिए नया रास्ता निकाला. इसके तहत पहले भी कई मौकों पर ओपनर की भूमिका निभा चुके केएल राहुल को ऑस्ट्रेलिया "ए" के खिलाफ घरेलू रन मशीन अभिमन्यु ईश्वरन के साथ पारी की शुरुआत करने का फैसला लिया गया. लेकिन हुआ यह है कि अभिमन्यु खाता भी नहीं खोल सके, तो केएल राहुल चार रन ही बना सके. अब दोनों के पास प्रबंधन का भरोसा जीतने के लिए पहले टेस्ट से पहले एक ही पारी बची है.

कौन देगा इस सवाल का जवाब?
पहली पारी की नाकामी के बाद अब देखना होगा जारी मैच में ओपनिंग ट्रॉयल के "दूसरे राउंड" में केएल और ईश्वरन कैसा प्रदर्शन करते हैं? यह पहले टेस्ट के लिए प्रबंधन का भरोसा जीतने के लिए दोनों के ही पास आखिरी मौका होगा. जाहिर है कि दोनों पर दूसरी पारी में परफॉर्म करने का बहुत ही ज्यादा दबाब होगा. देखने की बात यह होगी कि किसका बल्ला ऑस्ट्रेलिया "ए" के खिलाफ दूसरी पारी में बोलता है. और अगर दोनों या कोई एक अच्छी पारी खेलने में सफल रहता भी है, तो यह सवाल पहला टेस्ट शुरू होने तक लगातार बना ही रहेगा कि जायसवाल के साथ दूसरे छोर पर पारी की शुरुआत कौन करेगा?
...कहीं अप्रत्याशित फैसला तो नहीं होगा?
आप सोच रहे होंगे कि यह प्रत्याशित फैसला कौन सा हो सकता है? दरअसल इसकी संभावना पैदा कर दी हैं विकेटकीपर ध्रुव जुरेल की पहली पारी में बेहतरीन 80 रन की पारी ने. जहां, तमाम शीर्ष दिग्गज दहाई का भी आंकड़ा नहीं छू सके, तो जुरेल ने ऐसे में दिखाया कि कंगारू पिचों खास कर पर्थ की तेज पिच के लिए उनके पास सीधे बल्ले से सजी अच्छी तकनीक और मनोदशा दोनों ही हैं.धैर्य की परीक्षा में तो वह इंग्लैंड के खिलाफ पहले ही सफल हो चुके हैं. क्या टीम प्रबंधन यह अप्रत्याशित और थोड़ा साहसिक फैसला लेगा?
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