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IML: सालों का संन्यास, पर मैजिक अभी भी बरकरार, लारा, सचिन, युवी सहित दिग्गजों का फैंस पर चला जादू

खत्म हुई इंटरनेशनल मास्टर्स लीग ने बहुत अच्छी तरह दिखा दिया कि महान क्रिकेटरों को संन्यास लिए हुए भले ही सालों हो गए, लेकिन जलवा इनका बरकरार है, फैंस इन्हें देखना चाहते हैं

IML: सालों का संन्यास, पर मैजिक अभी भी बरकरार, लारा, सचिन, युवी सहित दिग्गजों का फैंस पर चला जादू
IML: खत्म हुई लीग में स्टेडियम में ऐसी ही भीड़ तकरीब हर मैच में उतरी. खासकर सचिन का फैंस के बीच जलवा देखने लायक था
नई दिल्ली:

खेल के महानतम क्रिकेटरों में से एक सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), ब्रायन लारा (Brian Lara), युवराज सिंह (Yuvraj Singh) को भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिए हुए कई साल हो गए हों, लेकिन फैंस के बीच इनका जलवा अभी भी बरकरार है. खासतौर पर सचिन को खेल से अलग हुए करीब 12 और लारा को क्रिकेट छोड़े हुए करीब 18 साल हो गए हैं, लेकिन फैंस के बीच इनकी कैसी धमक है, यह हाल ही में खत्म हुई पहली इंटरनेशनल मास्टर्स लीग में सभी ने देखा. वहीं, इन तमाम दिग्गजों ने अपने प्रदर्शन से यह भी दिखाया कि भले ही वह पचास के पार हो चले हों, लेकिन आज भी उनके बल्ले में दम अभी भी बाकी है. और  अभी भी जब उनके बल्ले से चौके-छक्के निकलते हैं, तो पूरा क्रिकेट जगत झूम उठता है. 

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सचिन का कोई जोड़ नहीं

करीब पच्चीस दिन चली इंटरनेशनल मास्टर्स लीग में मास्टर ब्लास्टर का जादू फैंस के सिर चढ़कर बोला. जब-जब सचिन बैटिंग करने उतरे, तो कहीं से भी नहीं लगा कि दिग्गज को संन्यास लिए हुए करीब 12 साल का समय हो गया. शॉटों में वही मैजिक, दर्शकदीर्घा में वही सचिन..सचिन...और सोशल मीडिया पर हर बार ट्रेंडिंग. वहीं सचिन ने खेले 6 मैचों में 30.17 के औसत से 181 रन बनाकर दिखाया कि आज भी उनका बल्ला बड़े-बड़े बॉलरों पर भारी है. 

शेन वॉटसन और युवी भी पीछे नहीं रहे

कंगारू पूर्व ऑलराउंडर शेन वॉटसन 43 के हो गए हैं, लेकिन उनके शॉट अभी भी पूरी तरह से जवान हैं. वॉटसन 6 मैचों में 120.33 के औसत से सबसे ज्यादा 361 रन बनाने वाले बल्लेबाज तो रहे ही, तो वहीं उन्होंने सबसे ज्यादा 25 छक्के भी लगाए. जादू युवराज की बैटिंग का भी बरकार है. युवी ने टूर्नामेंट में 13 छक्कों से भरपूर मनोरंजन करते हुए 179 के औसत से इतने ही रन बनाए. 

जोंटी 55 के वेटरन, या 55 के जवान

टूर्नामेंट के मुकाबलों में जिसने भी जोंटी रोड्स को फील्डिंग करते हुए देखा, उसने दांतों तले उंगली दबा ली. कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया मास्टर्स के खिलाफ लांग-ऑन पर  डाइव लगाकर जिसने भी जोंटी की सुपर से ऊपर फील्डिंग देखी, उसे  भरोसा ही नहीं हुआ कि जोंटी की उम्र 55 साल हो चली है. जिसने भी यह नजारा देखा, उसे पुराने या साल 90 के शुरुआती दशक के जोंटी रोड्स की यादें ताजा हो गईं.

दर्शकों की जबर्दस्त भीड़

लीग के दौरान स्टेडियम में उमड़ी दर्शकों की भारी भीड़ अपने आप में बड़ा प्रमाण है कि खेल के महानतम क्रिकेटरों का क्रेज पुरानी पीढ़ी ही नहीं, बल्कि बड़े हो रहे बच्चों में भी उतना ही है. खासकर स्टेडियम से आने वाला सचिन..सचिन का शोर और मैच देखने उमड़ी भारी भीड़ बता गई फैंस अभी भी इन्हें खेलते देखना चाहते हैं, इनके शॉटों पर झूमना चाहते हैं और इनका क्रेज संन्यास लेने के सालों बाद भी  बराबर बना हुआ है. 

लीग का भविष्य बहुत ही शानदार

यूं तो कई सालों से अलग-अलग वेटरन लीग खेली जा रही हैं. लेकिन पूर्व दिग्गजों की उपस्थिति वाली राष्ट्रीय टीमों की यह पहली इंटनरेशन मास्टर्स लीग का आयोजन खेल के स्तर, टीवी कवरेज और दर्शकों की संख्या के हिसाब से साफ बता गया है कि आने वाले समय में इसकी लोकप्रियता और ज्यादा बढ़ेगी क्योंकि फैंस अभी भी अपने नायकों को देखना चाहते हैं, इनके चौकों-छक्कों पर  झूमना चाहते हैं

 

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