भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड भारतीय अंपायर्स को एलिट लेवल के अंपायर बनाने में जुटा है. इसी कड़ी में हाल ही में बीसीसीआई के द्वारा अहमदाबाद में अंपायरों के लिए लेवल-2 परीक्षा का आयोजन किया गया. लेकिन अंपायर बनना इतना आसान भी नहीं है ये बता दिया इस लेवल-2 की परीक्षा में पूछे गए सवालों ने. दरअसल बीसीसीआई इन दिनों भारतीय अंपायर्स के लेवल को ठीक करने में लगी हुई है. इसकी ज़रूरत इसलिए पड़ी क्योंकि आईपीएल 2022 के दौरान भारतीय अंपायर्स के द्वारा काफ़ी ग़लत फैसले दिए गए थे जिसके बाद भारतीय अंपायर्स की काफ़ी किरकिरी हुई थी. अब जबकि अंपायरिंग में सुधार करने के लिए ये टेस्ट तो रखा गया लेकिन इसे पास करना इतना भी आसान नहीं था, क्योंकि इस परीक्षा के दौरान जो सवाल पूछे गए उन्होंने अच्छे अच्छों के होश उड़ा दिए.
ज़्यादातर हुए फेल
बीसीसीआई के द्वारा आयोजित की गई इस परीक्षा में कुल 140 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया. टेस्ट कितना कठिन था इस बात का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि इस परीक्षा में शामिल हुए 140 में से केवल 3 ही अभ्यर्थी इस टेस्ट को पास कर पाए, बाकी 137 अभ्यर्थियों को निराश होकर वापिस लौटना पड़ा.
पूछे गए थे ये सवाल
1.पहला सवाल: अगर पवेलियन, पेड़ या फील्डर्स की परछाई पिच पर पड़ने लगे और ऐसे में बल्लेबाज़ शिकायत करे तो आप क्या फैसला करेंगे?
उत्तर- पवेलियन या पेड़ की परछाई का संज्ञान नहीं लिया जा सकता है. हां फील्डर को स्थिर रहने के लिए कहा जा सकता है, वरना ऐसी स्थिति में अंपायर को डेड बॉल घोषित करने का आधिकार है.
2.दूसरा सवाल: आपको ये जानकारी है कि गेंदबाज़ की अंगुलियों में सचमुच चोट लगी है और अगर वह पट्टी हटाता है तो खून निकलने की आशंका है. क्या इसके बावजूद भी आप गेंदबाज़ को टेप हटाकर बॉलिंग करने के लिए कहेंगे?
उत्तर- ऐसी स्थिति में अगर गेंदबाज़ को गेंदबाज़ी करनी है तो टेप हटाना जरुरी है.
3.तीसरा सवाल: एक लीगल डिलीवरी पर बैटर ने शॉट खेला और बॉल शॉर्ट लेग फील्डर के हेलमेट में अटक गई. बॉल की वजह से हेलमेट गिर गया लेकिन बॉल के ज़मीन पर गिरने से पहले फील्डर ने उसे कैच कर लिया. क्या बल्लेबाज़ को इस स्थिति में कैच आउट दिया जाएगा?
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उत्तर- ऐसी स्थिति में बल्लेबाज़ को नॉट आउट दिया जाएगा.
अभ्यर्थियों का हुआ ये हाल
बता दें कि ये ये टेस्ट टोटल 200 अंकों का था. अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 200 अंकों के इस टेस्ट में कट ऑफ मार्क्स के लिए 90 अंक निर्धारित किए गए थे, वहीं 200 में से 100 अंक लिखित परीक्षा, 35 अंक मौखिक एवं विडियो के लिए, इसके अलावा 30 अंक फिजिकल टेस्ट के लिए रखे गए थे. ज़्यादातर अभ्यर्थियों ने प्रैक्टिकल में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन लिखित परीक्षा सभी के लिए काफी कठिन साबित हुई. इसीलिए कहा जा रहा है कि अगर आप अंपायर बनना चाहते हैं तो आपको आईएएस इंटरव्यू से भी मुश्किल सवालों का जवाब देना होगा.