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This Article is From Jun 25, 2020

आईसीसी का बड़ा बयान, अगर भारत मैच फिक्सिंग को अपराध बनाता है, तो अच्छा होगा पर सवाल यह है कि...

आईसीसी एसीयू के जांच समन्वयक स्टीव रिचर्डसन ने कहा, ‘अभी कोई कानून नहीं है. हमारे भारतीय पुलिस के साथ अच्छे संबंध हैं लेकिन उनके भी हाथ बंधे हुए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘हम भ्रष्टाचारियों के प्रयासों को नाकाम करने के लिये हरसंभव प्रयास करेंगे और हम उन्हें स्वतंत्र रूप से संचालन नहीं करने देते हैं और जितना संभव हो सकता है उनका जीना मुहाल करके रखते हैं.’

आईसीसी का बड़ा बयान, अगर भारत मैच फिक्सिंग को अपराध बनाता है, तो अच्छा होगा पर सवाल यह है कि...
आईसीसी का लोगो
नयी दिल्ली:

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की भ्रष्टाचाररोधी इकाई (एसीयू) के एक वरिष्ठ अधिकारी का मानना है कि भारत में मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित करना उस देश में ‘सबसे प्रभावी कदम' होगा जहां कड़ा कानून नहीं होने से ‘पुलिस के हाथ भी बंधे हुए' हैं. कानूनी विशेषज्ञ भारत में मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित करने के लिये वर्षों से वकालत कर रहे हैं क्योंकि क्रिकेट में भ्रष्ट गतिविधियों की जांच करते समय संबंधित अधिकारियों के हाथ कानून से बंधे होते हैं, लेकिन आईसीसी के बयान के  साथ ही बड़े सवाल में और वजन भी पैदा हो गया है.

आईसीसी एसीयू के जांच समन्वयक स्टीव रिचर्डसन ने कहा, ‘अभी कोई कानून नहीं है. हमारे भारतीय पुलिस के साथ अच्छे संबंध हैं लेकिन उनके भी हाथ बंधे हुए हैं.' उन्होंने कहा, ‘‘हम भ्रष्टाचारियों के प्रयासों को नाकाम करने के लिये हरसंभव प्रयास करेंगे और हम उन्हें स्वतंत्र रूप से संचालन नहीं करने देते हैं और जितना संभव हो सकता है उनका जीना मुहाल करके रखते हैं.' रिचर्डसन ने कहा, ‘लेकिन भारत में कानून बनने से पूरी परिस्थितियां बदल जाएंगी। अभी हम लगभग 50 मामलों की जांच कर रहे हैं और इनमें से अधिकतर भारत से जुड़े हुए हैं.'

उन्होंने कहा, ‘‘अगर भारत मैच फिक्सिंग को लेकर कानून बनाता है तो खेल को सुरक्षित करने की दृष्टि से यह सबसे प्रभावी कदम होगा. भारत को अगले तीन वर्षों में आईसीसी की दो प्रतियोगिताओं की मेजबानी करनी है और ऐसे में रिचर्डसन ने भारत सरकार से मैच फिक्सिंग पर कानून बनाने का आग्रह किया जैसा कि उसके पड़ोसी श्रीलंका ने किया है, जो 2019 में भ्रष्ट गतिविधियों को अपराध घोषित करने वाला दक्षिण एशिया का पहला देश बन गया है.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में आईसीसी दो प्रतियोगिताओं टी20 विश्व कप (2021) और वनडे विश्व कप (2023) का आयोजन होगा.' रिचर्डसन और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) एसीयू के प्रमुख अजित सिंह एक पैनल चर्चा का हिस्सा थे, जिसका विषय था ‘क्या भारत में मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित करने की जरूरत है.' कुल मिलाकर आईसीसी ने अपनी बात रख दी है, लेकिन भारत के नजरिए से अब वह सवाल बड़ा और बहुत ही वजनदार हो चला है, जो साों ल 2000 से अफसरशाही और सरकार का पीछा कर रहा है. साल 2000 के समय में फिक्सिंग पर कानून बनाने की मांग उठी थी, लेकिन यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया. इस दौरान इंग्लैंड ने अपने पुराने कानून को बदलकर फिक्सिंग में नया कानून बनाया. इसी के तहत सलमान बट्ट, आसिफ और मोहम्मद आसिफ को सलाखों के पीछे जाना पड़ा था, लेकिन लगातार जारी स्पॉट फिक्सिंग के बीच न पिछली सरकार के खेलमंत्री के ही कानून पर जूं रेंगी और न ही वर्तमान सरकार इसे लेकर कुछ कहा. अब जबकि आईसीसी ने बयान देकर सरकार का इस ओर ध्यान दिलाया है, तो बड़ा सवाल यही है कि क्या मोदी सरकार मैच फिक्सिंग पर कठोर कानून बनाएगी?

वहीं, रिचर्डसन ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस तरह का कानून बनने से खिलाड़ियों के बजाय उन भ्रष्ट लोगों को रोका जा सकेगा जो अभी खुले घूम रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं कम से कम आठ लोगों के नाम भारतीय पुलिस या भारत सरकार को सौंप सकता हूं जो कि लगातार अपराध करते रहते हैं और मैच फिक्स करने के लिये खिलाड़ियों से संपर्क करने की लगातार कोशिश करते हैं.' भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी अजित सिंह ने भी स्वीकार किया कि मैच फिक्सिंग के लिये कोई उचित कानून नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘ये वे लोग हैं जिनको लेकर मैं चाहूंगा कि उनकी जांच मैच फिक्सिंग कानून के अंतर्गत हो.'

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