
इसमें कोई दो राय नहीं कि ज्यादातर क्रिकेट संन्यास के बाद ही सच बोलते हैं क्योंकि सक्रिय क्रिकेट के दौरान कोई भी अपने करियर को नुकसास नहीं पहुंचाना चाहता. और कुछ ऐसा ही जारी सीजन में बंगाल की कप्तानी करने वाले भारतीय पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) के बारे में भी कहा जा सकता है. तिवारी ने खेल से संन्यास के बाद ही बड़ा ही धमाकेदार बात कह डाली है. बिहार के खिलाफ खेले गए आखिर मैच में मनोज तिवारी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. तिवारी के संन्यास के मौके पर दिग्गज सौरव गांगुली (Saurav Ganguly) भी मौजूद थे, जिन्होंने तिवारी के बारे में काफी अच्छे शब्द कहे.
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Few moments bring tears to your eyes, few moments make you emotional... #GoodByeCricket pic.twitter.com/d4Pd8nSXbZ
— MANOJ TIWARY (@tiwarymanoj) February 19, 2024
जब मीडिया ने तिवारी से करियर में किसी अफसोस को लेकर सवाल किया गया, तो इस पर तिवारी ने भावुक होते हुए कहा कि वह धोनी से यह पूछना पसंद करेंगे कि शतक लगाने के बावजूद मुझे भारतीय टीम से क्यों ड्रॉप किया गया. तिवारी विंडीज के खिलाफ चेन्नई में जड़े नाबाद 104 रनों दिलाई गई जीत का हवाला दे रहे थे. इस मैच में तिवारी को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था. इसके बाद वह भारत के लिए सिर्फ छह वनडे और खेल सके. इसमें एक अर्द्धशतक भी शामिल था. कुल मिलाकर मनोज तिवारी भारत के लिए 12 वनडे खेले. और इसमें उन्होंने 26.09 के औसत से 287 रन रन बनाए.
It will remain a special one indeed. Thank you #TeamBihar for the wonderful gesture in the leadership of their captain Ashutosh Aman.
— MANOJ TIWARY (@tiwarymanoj) February 17, 2024
I will remember this "Guard Of Honour" for ages. #GuardOfHonour | #ManojTiwary | #RanjiTrophy pic.twitter.com/07OExwkAqn
तिवारी ने कहा कि जब भी मुझे अवसर मिलेगा, तो मैं धोनी से सुनना पसंद करूंगा. मैं निश्चित तौर पर उनसे सवाल करूंगा और पूरी विनम्रता से पूछूंगा. मैं पूछना पसंद करूंगा कि शतक बनाने के बावजूद मुझे टीम से क्यों ड्रॉप किया गया. खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया के दौरे में, जब कोई भी रन नहीं बना रहा था. न ही विराट, न ही रोहित और न ही सुरेश रैना. अब मेरे पास खोने को कुछ भी नहीं है.
मनोज ने कहा कि मुझे भारत के लिए टेस्ट कैप नहीं मिली. जब मैं अपने 65 रणजी ट्रॉफ मैच पूरे किए, तो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मेरा औसत 65 के आस-पास था. तब ऑस्ट्रेलिया टीम भारत दौरे पर आई थी और मैंने मैत्री मैच में 130 रन बनाए थे. मैंने इंग्लैंड के खिलाफ मैत्री मैच में 93 रन बनाए थे. मैं टेस्ट कैप हासिल करने के बहुत नजदीक था, लेकिन तब उन्होंने युवराज सिंह को चुन लिया. इसलिए टेस्ट कैप हासिल न कर पाना और सेंचुरी बनाने के बाद अगले 14 मैचों के लिए ड्रॉप कर देने का मुझे अफसोस रहेगा. जब कॉन्फिडेंस चरम पर होता है और कोई इस तहस-नहस कर देता है, तो यह उस खिलाड़ी को खत्म कर देता है.
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