
Ravi Shastri on Mohammed Shami: भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने मोहम्मद शमी की फिटनेस और एक्शन में वापसी को लेकर सवाल उठाए और कहा कि अगर वह होते तो उन्हें ऑस्ट्रेलिया ले जाते और मेडिकल टीम को दौरे पर उनकी निगरानी करने देते. बता दें, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में भारत को 3-1 से हार का सामना करना पड़ा है. इस हार के साथ ही भारतीय टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से बाहर हो गई है. इस दौरे पर जसप्रीत बुमराह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 32 विकेट झटके, लेकिन भारत को दूसरे छोर पर मोहम्मद शमी की कमी काफी खली.
साल 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल के बाद से तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी एक्शन से बाहर हैं. उन्हें फरवरी 2024 में टखने की सर्जरी की जरूरत पड़ी, जिससे वह लंबे समय तक मैदान से दूर रहे. उन्होंने बीते साल के नवबंर में रणजी ट्रॉफी से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में दमदार वापसी की थी.
मोहम्मद शमी ने अगले एक महीने के दौरान बंगाल के लिए सभी तीन घरेलू प्रतियोगिताओं में भाग लिया, लेकिन फिर भी एनसीए से उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के लिए सीरीज के बीच में भी अनुमति नहीं दी गई. बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले शमी को आधिकारिक तौर पर ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम में शामिल होने से बाहर कर दिया गया था.
आईसीसी रिव्यू से बात करते हुए रवि शास्त्री ने कहा,"मैं उन्हें टीम का हिस्सा बनाए रखता और यह सुनिश्चित करता कि टीम के साथ उनका रिहैबिलिटेशन हो. और फिर अगर हमने तीसरे टेस्ट मैच तक लगता कि नहीं, यह लड़का बाकी सीरीज नहीं खेल सकता है, तो मैं उसे जाने दूंगा."
रवि शास्त्री ने कहा,"लेकिन मैं उसे टीम के साथ लाता, उसे रखता, सर्वश्रेष्ठ फिजियो के साथ उसकी निगरानी करता और ऑस्ट्रेलिया में मौजूद अंतरराष्ट्रीय फिजियो से भी सबसे अच्छी सलाह लेता और देखता कि वह कैसे कर रहा है. लेकिन मैं उसे मिक्स में रखता."
मोहम्मद शमी को लेकर पहले उम्मीद थी कि वह ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए पूरी तरह से फिट हो जाएंगे. लेकिन भारत और बांग्लादेश के बीच हुई टेस्ट सीरीज के बाद, मोहम्मद शमी को लेकर एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि उन्हें दोबारा से चोट लगी है, जिसके चलते वह ऑस्ट्रेलियाई दौरे से भी बाहर हो सकते हैं.
रवि शास्त्री ने इन मीडिया रिपोर्ट्स को लेकर कहा,"ईमानदारी से कहूं तो मैं मीडिया में चल रही इस बातचीत से बहुत हैरान था कि आखिर शमी के साथ क्या हुआ. जब रिकवरी की बात आती है तो वह कहां है? वह एनसीए में न जाने कितने समय से बैठा है. वह कहां है, इस पर उचित संचार क्यों नहीं हो सकता? उनकी क्षमता का एक खिलाड़ी, मैं उन्हें ऑस्ट्रेलिया ले आता."
रवि शास्त्री का मानना है कि मोहम्मद शमी को टीम में शामिल करने से न सिर्फ अनुभव बढ़ेता बल्कि जसप्रीत बुमराह के कंधों पर दबाव और काम का बोझ भी कम होता. जसप्रीत बुमराह ने इस सीरीज में 151.2 ओवर फेंके और पीठ में ऐंठन के कारण उन्हें एससीजी टेस्ट के अंतिम दिन एक्शन से बाहर रहना पड़ा. बुमराह ने इस सीरीज में जितनी गेंदबाजी की है, उतनी उन्होंने कभी नहीं की.
रवि शास्त्री ने कहा,"मेलबर्न में मुकाबला 1-1 से बराबरी पर था. आपको बस उस अनुभव और समर्थन की जरूरत थी. जैसा कि आप जानते हैं, उसने भी स्तर को ऊपर उठाया होगा. और वहां दो लोग (बुमराह और शमी) रहे होंगे." शास्त्री ने कहा,"पैट कमिंस अपने दम पर ऐसा नहीं कर सकते थे, स्कॉटी बोलैंड को आगे आना पड़ा. इसलिए आपको उनके अनुभव वाले गेंदबाज की जरूरत थी. आप जानते हैं कि मोहम्मद सिराज ने जितनी कोशिश की, आपको शमी के अनुभव की जरूरत थी."
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