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This Article is From Jun 28, 2023

"मेरे ख्याल से ऐसा नहीं होने जा रहा", World Cup 2023 में ओपनरों को लेकर शास्त्री की बड़ी भविष्यवाणी

अब जबकि World Cup 2023 नजदीक आ रहा है, तो पूर्व हेड कोच Ravi Shastri आए दूसरे दिन खासी मुखर बातें कर रहे हैं.

"मेरे ख्याल से ऐसा नहीं होने जा रहा", World Cup 2023 में ओपनरों को लेकर शास्त्री की बड़ी भविष्यवाणी
पूर्व कोच रवि शास्त्री ने हालिया समय में खुलकर अपनी राय सामने रख रहे हैं
नई दिल्ली:

मंगलवार को World Cup 2023 का शेड्यूल जारी होते ही क्रिकेट जगत में मानो एकदम सा करंट सा आ गया है. आप सोचिए कि जब मेगा टूर्नामेंट भारत में हो रहा होगा, तब माहौल कैसा होगा. फैंस भी उम्मीद कर रहे हैं कि साल 2013 में आईसीसी ट्रॉफी जीतने के बाद टीम इंडिया विश्व कप के साथ ही आईसीसी ट्रॉफी का सूखा भी खत्म कर देगी. दिग्गजों के बयान आ रहे हैं और इसी कड़ी में अब रवि शास्त्री ने बड़ा कमेंट करते हुए कहा है कि वह नहीं सोचते कि इस मेगा इवेंट में वर्तमान ओपनिंग जोड़ी शुभमन गिल और रोहित शर्मा का बतौर ओपनर इस्तेमाल किया जाएगा. केएल राहुल के चोटिल होने के बाद रोहित और गिल वनडे टीम रोहित के लिए ओपनिंग जोड़ी की भूमिका निभा रहे हैं. लेकिन शास्त्री का मानना है कि मैनेजमेंट इनके साथ आगे नहीं बढ़ेगा क्योंकि इनमें से कोई लेफ्टी बल्लेबाज नहीं है. 

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पूर्व हेड कोच ने एक मैगजीन के साथ बातचीत में कहा कि यह एक चैलेंज होने जा रहा है. आपको विश्व कप को नजदीकी निगाह से देखना होगा. फॉर्म एक महत्वपूर्ण कारक हो जाती है. आपको सही संतुलन स्थापित करने की जरुरत है. क्या आपको लगता है कि लेफ्टी बल्लेबाज का होना अंतर पैदा करेगा, पर रवि ने कहा कि यह केवल ओपनिंग की नहीं, बल्कि शीर्ष तीन-चार बल्लेबाजों की बात है. आपको सभी विकल्पों पर विचार करना होगा. आदर्श रूप से कहूं तो मैं शीर्ष छह बल्लेबाजों में दो बाएं हत्था बल्लेबाजों को देखना पसंद करूंगा.  

पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि गौतम गंभीर, युवराज सिंह और सुरेश रैना का उदाहरण देते हुए कहा कि इन तीनों बल्लेबाजों ने साल 2011 विश्व कप में अहम भूमिका निभायी. उन्होंने कहा कि जब कभी भी आपने लेफ्टी बल्लेबाजों के साथ  अच्छा किया है, तो आपके पास गौतम, युवराज और रैना थे. आप पीछे मुड़कर देखेंगे, तो विंडीज के पास 1974 में कालीचरण, फ्रेड्रिक्स और कप्तान लॉयड थे. कुछ ऐसा ही 1979 के संस्करण में हुआ था. 

पूर्व हेड कोच ने कहा कि 1983 विश्व कप टीम इकलौती ऐसी थी, जिसमें कोई लेफ्टी बल्लेबाज नहीं था, लेकिन यह पूरा टूर्नामेंट ही अपने आम में अलग था. वहीं, साल 1987 में ऑस्ट्रेलिया टीम में भी कई लेफ्टी थे. बॉर्डर टॉप पर थे. दो-तीन और बाएं हत्था बल्लेबाज थे. शास्त्री ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आप साल 1996 का संस्करण देखें. श्रीलंका टीम में जयसूर्या, रणतुंगा और गुरुसिंघे थे. इसके बाद कंगारू टीम में गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडेन थे. और अब इंग्लैंड टीम की स्थिति ऐसी है. कुल मिलाकर बात यह एक मिश्रित संतुलन बनाने की जरुरत है. 

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