सनथ जयसूर्या को श्रीलंका के महान क्रिकेटरों में शुमार किया जाता है (फाइल फोटो)
खास बातें
- कहा-कानूनी तौर पर मुझे प्रतिक्रिया न देने की सलाह मिली है
- मुझ पर लगे आरोप मैच फिक्सिंग से संबंधित नहीं हैं
- मैं खेल से जुड़े मामलों में पूरी सच्चाई से पेश आया हूं
कोलंबो: श्रीलंका के महान क्रिकेटर सनथ जयसूर्या (Sanath jayasuriya)ने भ्रष्टाचार मामले की जांच में साथ नहीं देने के इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. श्रीलंका के बाएं हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने खुद को हमेशा सच्चाई और पारदर्शिता के साथ पेश किया है. गौरतलब है कि क्रिकेट की शीर्ष संस्था आईसीसी ने जयसूर्या पर भ्रष्टाचार निरोधक संहिता को तोड़ने के दो मामले दर्ज किये है जिसमें उन पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप है. इस मामले में उन्हें दो सप्ताह के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया है. हालांकि जयसूर्या पर भ्रष्टाचार में सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप नहीं लगा है.
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जयसूर्या ने एक बयान में कहा, ‘मेरे पास इस मामले में जवाब देने के लिए 14 दिन का समय हैं. मुझे कानूनी तौर पर सलाह दी गयी है कि मैं इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया न दूं क्योंकि उससे आईसीसी के नियमों का उल्लंघन होगा.’श्रीलंका के मुख्य चयनकर्ता रह चुके 49 साल के इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘मैं हालांकि यह बता सकता हूं कि मुझ पर जो आरोप लगे है वह मैच फिक्सिंग, पिच फिक्सिंग या ऐसी किसी अन्य गतिविधियों से जुड़े हुए नहीं है.’उन्होंने कहा, ‘खेल से जुड़े मामलो में मैं हमेशा सच्चाई और पारदर्शिता से पेश आया हूं और आगे भी ऐसा ही करता रहूंगा.’
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आईसीसी ने भी अपने आरोप में यह साफ नहीं किया कि श्रीलंका को वर्ल्डकप-1996 का खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाने और अपने देश के लिए 445 वनडे व 110 टेस्ट मैचों में प्रतिनिधित्व करने वाले इस खिलाड़ी पर क्या आरोप है. श्रीलंका क्रिकेट से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘जयसूर्या पर 2015 में आईसीसी की एक जांच को ‘रोकने की कोशिश’ का आरोप है.’इस मामले की जांच में गॉल मैदान के क्यूरेटर जयानंदा वर्णवीरा को 2016 में आईसीसी ने भष्टाचार रोधी इकाई से सहयोग नहीं करने के आरोप में तीन साल के लिए निलंबित कर दिया था.
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सूत्र ने बताया कि आईसीसी ने इस मामले में जब जयसूर्या से संपर्क किया तो उन्होंने पूरी तरह से जांच में सहयोग नहीं किया. ईएसपीएनक्रिकइंफो के मुताबिक,2017 में श्रीलंका का घरेलू सीरीज में जिम्बाब्वे के साथ हुआ मुकाबला संदेह के घेरे में है जिसमें श्रीलंका हार गया था. क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद जयसूर्या ने राजनीति में भी हाथ आजमाया और संसद के लिए चुने जाने के बाद मंत्री भी बने. वह 2013 में श्रीलंका क्रिकेट के चयन समिति के अध्यक्ष भी बने लेकिन 2015 में टीम की असफलता के बाद उनका कार्यकाल खत्म हो गया. (इनपुट: भाषा)