हाशिम अमला का यह 'धार्मिक समर्पण' हमेशा अपने आप में मिसाल बना रहेगा

हाशिम अमला का यह 'धार्मिक समर्पण' हमेशा अपने आप में मिसाल बना रहेगा

हाशिम अमला और जैक्स कैलिस की यह फोटो बताने और समझाने के लिए काफी है

खास बातें

  • इस मिसाल के क्या कहने !
  • जितने बड़े खिलाड़ी, उतने ही बड़े धार्मिक!
  • हाशिम ने नहीं की रिकॉर्डों की परवाह
नई दिल्ली:

दक्षिण अफ्रीका के महानतम खिलाड़ियों में से एक हाशिम अमला (Hashim Amla) के सभी फॉर्मेटों से हैरान से दुनिया भर के क्रिकेटप्रेमी अभी भी हैरान हैं. वास्तव में 36 साल के हाशिम (Hashim Amla) अमला अभी कई साल क्रिकेट खेलते थे. बहरहाल, हाशिम अमला ने अपने करीब 15 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में ऐसी मिसाल पेश की, जिसे हमेशा याद किया जाएगा. और जिसकी हमेशा मिसाल दी जाएगी. और यह मिसाल थी धर्म के प्रति समर्पण की मिसाल. 

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वैसे हाशिम अमला के संन्यास से क्रिकेटप्रेमी इसलिए हैरान हैं कि उनके पास कई और रिकॉर्ड अपनी झोली में डालने का मौका था. मसलब वह दोनों टेस्ट और वनडे दोनों फॉर्मेटों में दस हजार रन को अपना उद्देश्य बना सकते थे. लेकिन शायद रिकॉर्ड हाशिम अमला की प्राथमिकता नहीं रहे. बहरहाल, हाशिम के समर्पण के मुद्दे पर लौटते हैं. 


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बता दें कि हाशिम अमला एक ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने अपने करियर कभी भी बीयर या किसी शराब का प्रचार-प्रसार नहीं किया. इस्लाम घर्म में इन दोनों के ही सेवन प्रतिबंधित है. और हाशिम अपना ने हमेशा ही इनसे दूरी बनाई रखी. और एक समय ऐसा भी आया, जब उन्होंने अपनी जर्सी पर 'कैस्टल लैजर' कंपनी का लोगो लगाने से इनकार कर दिया. अब जबकि यह शराब बनाने की कंपनी थी और मुद्दा इसके प्रचार-प्रसार से जुड़ा था, तो हाशिम अमला ने दिखाया कि वह अपने धार्मिक मूल्यों के प्रति कितने ज्यादा समर्पित हैं. इस फैसले के लिए अमला को प्रायोजक से मिलने वाली रकम भी गंवानी पड़ी. और इतना ही नहीं उन्हें इसके लिए दक्षिण अफ्रीकी बोर्ड को जुर्माना तक भरना पड़ा. 

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क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका को हाशिम अमला की मांग के आगे झुकना पड़ा. और बोर्ड ने अमला को अपनी शर्ट से कंपनी का लोगो हटाने की इजाजत दी थी.