गौतम गंभीर व एमएस धोनी की फाइल फोटो
खास बातें
- साल 2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में गंभीर के थे 75 रन
- 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में बनाए 97 रन
- दोनों में मैन ऑफ द मैच न बन पाने का मलाल है
नई दिल्ली: लेफ्टी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने एक निजी वेबसाइट से बातचीत में बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि धोनी के कारण ही वह फाइनल में शतक नहीं बना सके थे. ध्यान दिला दें कि साल 2007 टी20 और फिर इसके बाद 2011 सहित दोनों विश्व कप के फाइनल में बहुत ही अहम पारियां खेली थीं, लेकिन गंभीर (Gautam Gambhir) के प्रशंसक मानते हैं कि उनके चहेते बल्लेबाज को इन दोनों ही पारियों के लिए श्रेय नहीं मिला. टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में गंभीर ने 75 रन का पारी खेली थी, लेकिन मैन ऑफ ध मैच इरफान पठान (4-0-16-3) ले उड़े. 2011 के फिफ्टी-50 विश्व कप में गौतम ने 97 रन बनाए, लेकिन एक बार फिर से धोनी के नाबाद 94 रन ने उनकी पारी को फीका करते हुए मैन ऑफ द मैच झटक लिया.
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गंभीर ने कहा कि वास्तव में मुझे इन दोनों वर्ल्ड कप के फाइनल में मैन ऑफ द मैच न मिलने की निराशा है, लेकिन मैं इस बात से खुश रहा कि मेरा योगदान टीम को खिताब दिलाने में मददगार रहा. उन्होंने कहा कि धोनी के याद दिलाने से पहले तक उन्हें अपने स्कोर का भान नहीं था. धोनी ने मुझे याद दिलाया कि मैं 97 के स्कोर पर हूं और मुझे शतक बनाने के लिए ध्यान और सतर्कता से बैटिंग करनी चाहिए. गौतम ने कहा कि मुझसे कई बार यह सवाल किया गया था कि जब वह 97 के स्कोर पर थे, तब क्या हुआ था.
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गंभीर ने कहा कि मैंने कभी भी अपने निजी स्कोर के बारे में नहीं सोचा, लेकिन मैं श्रीलंका के दिए लक्ष्य के बारे में लगातार सोच रहा था. मुझे याद है कि एक ओवर पूरा होने के बाद धोनी ने मुझसे कहा कि सिर्फ तीन रन बाकी बचे हैं. धोनी ने मुझसे ये तीन रन बनाने और शतक पूरा करने के लिए कहा. गंभीर ने कहा कि जिस समय धोनी ने शतक के बारे में याद दिलाया, इससे उनकी मनोस्थिति पर असर पड़ा और वह थिसारा परेरा की गेंद पर बड़ा शॉट लगाने की कोशिश में बोल्ड हो गए. जब अचानक से आपका ध्यान निजी उपलब्धि पर लग जाता है, तो आपके भीतर एक उत्तेजना पैदा हो जाती है.
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गंभीर ने कहा कि धोनी के याद दिलाने से पहले मेरा पूर ध्यान श्रीलंका के लक्ष्य पर था. अगर केवल वही लक्ष्य मेरे जहन में होता, तो मैं आसानी से अपना शतक पूरा कर लेता. 97 रन तक मैं वर्तमान में था. पर जब मैं तीन रन दूर था, तो शतक बनाने की चाह से पैदा हुई उत्तेजना मेरे ऊपर हावी हो गई.