पूर्व दिग्गज जावेद मियांदाद ने की स्पॉट फिक्सिंग में शामिल खिलाड़ियों के लिए ऐसी कड़ी सजा की मांग
मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग में अंतर यह है कि स्पॉट फिक्सिंग में मैच का पूरा परिणाम तय नहीं होता, बल्कि छोटे हिस्से पर खेल खेला जाता है. और छोटे-छोटे पहलुओं को फिक्स किया जाता है. मसलन समय विशेष पर नोबॉल फेंकना या जानकर रन आउट हो जाना.
- Reported by AFP
- Updated: April 10, 2020 12:50 PM IST

हाईलाइट्स
-
क्या कोई देश मानेगा मियांदाद की बात ?
-
यह मांग बहुत ही बड़ी है !
-
क्या पीसीबी लेगा कोई फैसला?
हाल-फिलहाल पाकिस्तान क्रिकेट में स्पॉट फिक्सिंग के कई मामले सामने आए हैं. इसमें उमर अकमल (Umar Akmal) जैसे इंटरनेशनल क्रिकेटर पर भी लगे आरोप शामिल हैं. और इन बातों से आहत होकर पूर्व दिग्गज जावेद मियांदाद ने मैच फिक्सिंग में शामिल खिलाड़ियों के लिए बड़ी सजा देने की मांग की है. बता दें कि अब मैच फिक्सिंग नहीं, बल्कि स्पॉट फिक्सिंग होती है. मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग में अंतर यह है कि स्पॉट फिक्सिंग में मैच का पूरा परिणाम तय नहीं होता, बल्कि छोटे हिस्से पर खेल खेला जाता है. और छोटे-छोटे पहलुओं को फिक्स किया जाता है. मसलन समय विशेष पर नोबॉल फेंकना या जानकर रन आउट हो जाना.
Meanwhile on YouTube, Javed Miandad has said that any cricketer who takes part in spot-fixing should be hanged, as this is the only way corruption in cricket will stop #Cricket
— Saj Sadiq (@Saj_PakPassion) April 3, 2020
अब यह छोटी लीगों में बढ़ता ही जा रहा है, तो दिग्गज खिलाड़ियों में रोष बढ़ता जा रहा है. इसी से खफा जावेद मियांदाद ने कहा कि जो भी खिलाड़ी स्पॉट-फिक्सिंग में शामिल हैं, उन्हें कड़ा दंड देना चाहिए. मियांदा पाकिस्तान के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. उनके खाते में 8,832 रन है.
जावेद ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा कि स्पॉट फिक्सरों को फांसी या इसके समान ही कोई सजा होनी चाहिए. इस बाबत कोई ऐसा उदाहरण स्थापित होना चाहिए कि कोई भी खिलाड़ी स्पॉट-फिक्सिंग के बारे में न सोच सके. मियांदाद का यह बयान पूर्व कप्तान मोहम्मद हफीज के बाद आया है. हफीज ने स्पॉट फिक्सिंग के लिए पांच साल का बैन झेलने वाले शर्जील खान की वापसी पर सवाल खड़े किए थे.
Promoted
VIDEO: विराट ने कुछ दिन पहले अपने करियर को लेकर बड़ी बात कही थी.
हाल ही में उमर अकमल पर पीसीबी ने छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया था. उमर पर स्पॉट फिक्सिंग के प्रस्ताव की जानकारी बोर्ड को न देने का आरोप था.