परिवार सिनेमाहॉल में देवदास देखता रहा और मोहम्मद कैफ ने इतिहास रच दिया

असल इतिहास सचिन के आउट होने के बाद लिखा गया. जब सभी ने उम्मीदें छोड़ दीं, तो पल-पल गुजरने के साथ उम्मीद का दीप जलता ही गया. युवराज और कैफ ने छठे विकेट लिए 106 गेंदों पर नाबाद 121 रन जोड़त हुए तीन गेंद और दो विकेट बाकी रहते हुए भारत को 326 का टारगेट दिला दिया.

परिवार सिनेमाहॉल में देवदास देखता रहा और मोहम्मद कैफ ने इतिहास रच दिया

मोहम्मद कैफ की फाइल फोटो

खास बातें

  • ठीक आज के दिन (2002) में किया था कारनामा, #OnThisDay
  • सौरव की कप्तानी में भारत ने जीती थी नेटवेस्ट ट्रॉफी
  • तीन गेंद और 2 विकेट रहते भारत बना था चैंपियन
नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट के लिहाज से आज बड़ा दिन है. ठीक आज के दिन (#OnthisDay) 18 साल पहले भारत ने एक ऐसी जीत दर्ज की, जिसने युवा पीढ़ी में जोश भरने के साथ ही गजब का आत्मविश्वास भर दिया. और यह था लॉर्ड्स में 13 जुलाई को भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया नेटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला. टीम इंडिया 326 रनों का पीछा कर रही थी. और जब 24वें ओवर की आखिकी गेंद पर भारत ने 145 के स्कोर पर सचिन तेंदुलकर का विकेट गंवाया, तो करीब आधे से भी ज्यादा देश के क्रिकेटप्रेमियों ने अपने टीवी सेट बंद कर दिए. ये दौर ही कुछ ऐसा होता था, जब तक सचिन रहते थे, तो जीत का दीया जलता रहता था और सचिन आउट हो जाते थे, तो प्रशंसक टीवी सेट से हट जाते थे. और इलाहाबाद स्थित मोहम्मद कैफ (#MohammadKaif) का परिवार भी कोई अपवाद नहीं था. कैफ (#MohammadKaif) के पिता और 73 प्रथण श्रेणी मुकाबले खेल चुके मोहम्मद तारिफ, बड़े भाई मोहम्मद सैफ परिवार के बाकी सदस्यों के साथ शाहरुख खान की फिल्म देवदास का लुत्फ उठाने सिनेमाहॉल चले गए. 

पर असल इतिहास सचिन के आउट होने के बाद लिखा गया. जब सभी ने उम्मीदें छोड़ दीं, तो पल-पल गुजरने के साथ उम्मीद का दीप जलता ही गया. युवराज और कैफ ने छठे विकेट लिए 106 गेंदों पर नाबाद 121 रन जोड़त हुए तीन गेंद और दो विकेट बाकी रहते हुए भारत को 326 का टारगेट दिला दिया. और इस ऐतिहासिक जीत को लॉर्ड्स में साल 1983 में कपिल देव की विश्व कप की खिताबी जीत के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी जीत माना  जाता है. 

भारत मैच क्या जीता, कैफ का इलाहाबाद स्थित कीडगंज का पूरा मोहल्ला ढोल-नगाड़े के साथ सिनेमालहॉल तरफ चल पड़ा. सिनेमाहॉल के बाहर एक भीड़ टूटी, तो सब हैरान रह गए. और कैफ के पूरे परिवार को इसकी सूचना दी गई, तो पिता, बड़े भाई और बाकी सदस्य हैरानी के साथ खुशी से बाग-बाग हो उठे. कैफ के मोहल्ले में रात भर भारत की जीत और उनकी नाबाद पारी का जश्न चलता रहा. और यह कहना गलत नहीं होगा कि कैफ की 75 गेंदों पर नाबाद 87 रन की पारी ने उनके करियर की दिशा और दशा को पूरी तरह से बदल दिया. वहीं, युवराज ने 63 गेंदों पर 69 रन की पारी खेली.

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