सरफराज से जूते भिजवाने पर शोएब टीम मैनेजमेंट पर बरसे, लेकिन कोच मिस्बाह बोले कि कुछ भी गलत नहीं

Eng vs Pak: शोएब (Shoaib Akhtar) ने आगे कहा कि यह दिखाता है कि सरफराज एक दब्बू और कमजोर शख्स हैं और निश्चित ही सरफराज ने इसी अंदाज में कप्तानी भी की होगी, जिस तरह वह जूते लेकर मैदान पर गए. यही कारण रहा ह कि पूर्व कोच मिकी ऑर्थर हमेशा ही उन पर हावी रहे.

सरफराज से जूते भिजवाने पर शोएब टीम मैनेजमेंट पर बरसे, लेकिन कोच मिस्बाह बोले कि कुछ भी गलत नहीं

शोएब अख्तर की फाइल फोटो

खास बातें

  • पाकिस्तानी प्रशंसकों में बहुत ज्यादा गुस्सा
  • कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी जतायी नाराजगी
  • कैसा उदाहरण प्रस्तुत कर रही है टीम-शोएब
नई दिल्ली:

पाकिस्तान के दिग्गज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने इंग्लैंड के खिलाफ खैले जा रहे पहले टेस्ट (Eng vs Pak 1st Test) के दूसरे दिन पूर्व कप्तान सरफराज अहमद (Sarfaraz Ahmed) के साथ किए गए बर्ताव पर नाखुशी जाहिर करते हुए टीम मैनेजमेंट को लताड़ लगायी है. कुछ साल पहले भारत को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी जिताने वाले सरफराज कप्तान (Sarfaraz Ahmed) को 12वें खिलाड़ी की भूमिका निभाते देखा गया. पारी के 71वें ओवर में सरफराज बल्लेबाज के लिए मैदान पर पानी और जूते लेकर गए. और पूर्व कप्तान के साथ ऐसा बर्ताव किए जाने पर शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने जमकर अपने गुस्से का इजहार किया है. 

शोएब ने कहा कि मुझे यह तस्वीर बिल्कुल भी पसंद नहीं आयी. अगर कराची के लड़के के साथ आप ऐसा बर्ताव कर कोई उदाहरण पेश करना चाहते हैं, तो यह गलत है. आप बिल्कुल भी उस खिलाड़ी के साथ ऐसा बर्ताव नहीं कर सकते, जिसने देश को चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिलाया था. आप उस शख्स से मैदान पर जूते भिजवा रहे हैं. वसीम अकरम कभी मेरे लिए जूते लेकर नहीं आए. 

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शोएब ने आगे कहा कि यह दिखाता है कि सरफराज एक दब्बू और कमजोर शख्स हैं और निश्चित ही सरफराज ने इसी अंदाज में कप्तानी भी की होगी, जिस तरह वह जूते लेकर मैदान पर गए. यही कारण रहा ह कि पूर्व कोच मिकी ऑर्थर हमेशा ही उन पर हावी रहे. मैं यह नहीं कह रहा है कि जूतें लेकर जाने में कुछ गलत है, लेकिन पूर्व कप्तान ऐसा नहीं कर सकता. वैसे इस घटना पर टीम के कोच मिस्बाह-उल-हक ने कहा है कि ऐसा शोर सिर्फ पाकिस्तान में ही मचता है और किसी सीनियर खिलाड़ी के 12वें प्लेयर की भूमिका निभाने में कुछ भी गलत नहीं है. मिस्बाह ने कहा कि इस तरह के विमर्श सिर्फ पाकिस्तान में होे हैं. जब मैं कप्तान था, तो मैंने भी 12वें खिलाड़ी की भूमिका निभाई और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैं मैच से बाहर बैठा था. इस भूमिका में  काम को अंजाम देने में कोई शर्म की बात नहीं है. 

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