सोमवार को अनंतपुर में भारत "ए" खिताब जीतने के साथ ही इस सीजन का बहुत ही अहम दलीप ट्रॉफी (Duleep Trophy 2024) टूर्नामेंट का समापन हो गया. बांग्लादेश (Ind vs Ban) के बाद न्यूजीलैंड के भारत और खासकर साल के आखिर में टीम रोहित के ऑस्ट्रेलिया दौरे को देखते हुए यह टूर्नामेंट खिलाड़ियों के लिए बहुत ही अहम था. निश्चित रूप से खिलाड़ियों ने इस दोनों हाथों से भुनाते हुए जलवा बिखेरा. संभवत: ऐसा पहली पारी बार है, जब भारत के पास पेसरों का एक बड़ा पूल दिख रहा है. और यह पूल ऐसा है, जो मैदान पर विकेट चटका रहा है, जिसने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए मजबूती से अपना दावा ठोका है. ऐसा तब है, जब अनुभवी मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) चोटिल होने के कारण सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं.
खत्म हुए टूर्नामेंट से जहां हरियाणा का युवा पेसर अंशुल कांबोज अनुभवी और सितारों के बीच सबसे ज्यादा विकेट चटकाकर पहले नंबर पर रहे, तो वहीं टूर्नामेंट खत्म होते-होते लेफ्टी अर्शदीप ने भी यह मैसेज देने में कसर नहीं ही छोड़ी कि अब वह टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार हैं. और ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती. चलिए जान लीजिए वे चार कौन से पेसर हैं, जिन्होंने दम दिखाया है, जो फिर से वापसी के लिए तैयार हैं.
1. अंशुल कांबोज रेस में सबसे आगे
भारत "सी" के लिए खेले और अपने 24वें साल में चल रहे हरियाणवी पेसर अंशुल कांबोज निश्चित रूप से ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए दावेदारों में सबसे आगे हैं क्योंकि उन्होंने सबसे ज्यादा विकेट चटकाए हैं. अंशुल तीन मैचों में फेंक 85.5 ओवरों में सबसे ज्यादा 16 विकेट चटकाकर पहले नंबर पर रहे. सभी पेसरों में उनका 17.12 का औसत (रन अंतराल के बाद विकेट) भी सबसे बेहतर है. ऐसे में अगरकर एंड कंपनी के रडार पर वह स्वाभाविक रूप से नंबर एक पर होंगे
2.मुकेश का मर्म समझना होगा
भारत "बी" के लिए खेले मुकेश कुमार दुर्भाग्यशाली रहे कि भारत के लिए तीन टेस्ट खेलने के बावजूद बांग्लादेश के खिलाफ जगह नहीं बना सके. आखिरी पलों में आकाश दीप ने उन्हें पीछे छोड़ दिया, लेकिन जब सेलेक्टर ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम चुनने बैठेंगे, तो इस बात की अनदेखी नहीं की जा सकती कि दलीप ट्रॉफी में मुकेश तीन मैचों में 15 विकेट चटकाकर अंशुल के बाद दूसरे सबसे सफल बॉलर रहे.
3. नवदीप सैनी की जोरदार वापसी
नवदीप सैनी भारत के लिए आखिरी टेस्ट करीब तीन साल पहले खेला था. और उसके बाद अगर नवदीप किसी बात के लिए जान गए, तो वह थी चोट और सिर्फ चोट! स्थिर हो ही नहीं सका यह दिल्ली का पेसर, लेकिन क्या शानदार भूख दिखाई है नवदीप ने. दलीप ट्रॉफी में तूफानी आगाज किया था, लेकिन स्तर आगाज जैसा नहीं रहा. इसके बावजूद सैनी तीन मैचों में 14 विकेट लेकर तीसरे सबसे सफल पेसर रहे. इस प्रदर्शन ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे का मजबूत दावेदार बना दिया है.
4. हार नहीं मान रहे अर्शदीप
दलीप ट्रॉफी के आखिरी मैच में भारत "डी" के लिए लेफ्टी सरदार ने दिखाया कि टेस्ट खेलने की भूख उनकी बरकार है. आखिरी मैच में पारी में अर्शदीप ने 40 रन देकर 6 विकेट लिए, तो साफ हो गया है कि अब तो सेलेक्टरों को उन्हें सफेद जर्सी पहनाने के बारे में जल्द ही सोचना होगा. भारत के लिए दो विश्व कप और 60 से ज्यादा व्हाइट-बॉल मैच खेलने के बावजूद अर्शदीप को अभी भी पहला टेस्ट मैच खेलना बाकी है. उम्मीद है कि शायद ऑस्ट्रेलिया दौरे में उनका सपना सच हो जाए.
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