
भारतीय क्रिकेट इतिहास में एमएस धोनी (MS Dhoni) को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के खासकर व्हाइट-बॉल फॉर्मेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक माना जाता है. धोनी इकलौते ऐसे कप्तन हैं, जो तीनों आईसीसी ट्रॉफी अपने खाते में जमा कर चुकें. साल 2007 उन्होंने टी20, 2011 में फिफ्टी-फिफ्टी विश्व कप और साल 2013 में अपनी कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नेतृत्व में भारत को दिलाया था.
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धोनी ने खिताब तो दिलाए ही, साथ ही उन्हें कई ऐसे खिलाड़ियों को भी तैयार किया, जिन्होंने गजब की छाप छोड़ी. इनमें सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा और खुद विराट कोहली शामिल हैं. साल 2020 (अगस्त) में धोनी के साथ ही संन्यास लेने वाले सुरेश रैना ने पूर्व स्टंपर के गेंदबाजी कौशल को लेकर बड़ी बात कही है, जबकि धोनी की पहचान एक आक्रामक बल्लेबाज और विकेटकीपर के रूप में है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में धोनी ने समय-समय पर गेंदबाजी कौशल का भी प्रदर्शन किया. यहां कि वह एक मौके पर केविन पीटरस के रिव्यू लेने से पहले केविन पीटरसन को भी आउट कर चुके हैं.
जियो सिनेमा से बातचीत में रैना ने कहा कि उन्होंने अपने करियर में जिन दो सबसे मुश्किल गेंदबाजों का सामना किया है, वे श्रीलंका के मलिंगा और मुरलीधरन हैं. लेकिन जब बात नेट प्रैक्टिस पर सबसे मुश्किल बॉलर खेलने की आती है, तो वह एमएस धोनी रहे. और इसकी वजह यह कि अगर आप उनके खिलाफ आउट हो जाते हो, तो धोनी आपको कई दिन तक इस बात को भूलने नहीं देंगे. इस लेफ्टी बल्लेबाज ने कहा कि मेरे द्वारा खेले गए सबसे मुश्किल बॉलर मुरलीधरन और मलिंगा रहे, लेकिन नेट पर सबसे मुश्किल धोनी रहे.
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