
Ashwin big revelation on Dhoni: भारत के सर्वकालिक महान क्रिकेटरों में से एक रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने खुलासा किया है कि वह अपना 100वां टेस्ट खेलने के बाद ही संन्यास लेना चाहते थे. यह मैच धर्मशाला में इंग्लैंड के खिलाफ था. यहां तक कि उन्होंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी धर्मशाला में उपस्थित रहने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अश्विन के 100वें टेस्ट के मौके पर बीसीसीआई ने खास समारोह आयोजित किया था. इसमें अश्विन को मेमेंटो भी दिया गया था. लेकिन अश्विन यह प्रतीक चिह्न धोनी के हाथों से लेना चाहते थे, जो दुर्भाग्यवश वहां नहीं पहुंच सके थे.
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अश्विन ने चेन्नई में खुलासा किया कि हालांकि, उन्हें अपने 100वें टेस्ट में इच्छा के अनुसार धोनी के हाथों मेमेंटो नहीं मिला, लेकिन उन्हें इससे बेहतर इनाम मिला, जब पूर्व कप्तान ने 2025 आईपीएल के लिए सुपर किंग्स से उन्हें अनुबंधित करा दिया.
एक बुक लॉन्च कार्यक्रम में अश्विन बोले,'मैंने धोनी को अपने 100वें टेस्ट के मौके पर कॉल करके मुझे मेमेंटो देने के लिए कहा. मैं इस टेस्ट के बाद संन्यास लेना चाहता था, लेकिन माही वहां नहीं पहुंच सके.बहरहाल, मैंने नहीं सोचा था कि वह मुझे फिर से चेन्नई के साथ जोड़कर कहीं बेहतर गिफ्ट देंगे. यह कहीं ज्यादा बेहतर है. इसलिए इसके लिए एमएस आपका धन्यवाद. मैं चेन्नई से जुड़कर खुश हूं' अश्विन ने अपना आईपीएल करियर साल 2008 में चेन्नई के लिए ही किया था. और साल 2015 में चेन्नई से जाने के बाद वह एक बार फिर से अपनी मूल टीम में लौटे हैं. इस दौरान पिछले एक दशक में अश्विन पंजाब, राजस्थान और दिल्ली सहित कई टीमों के लिए खेले
इस पर अश्विन ने कहा,'सबसे महत्वपूर्ण यह है कि मैं चेन्नई ऐसे खिलाड़ी के रूप में नहीं लौटा हूं, जिसने इतना ज्यादा हासिल किया है. बजाय इसके मैं ऐसे खिलाड़ी के रूप में आया हूं, जिसने एक पूरा चक्र तय किया है. एक ऐसा खिलाड़ी जो वापसी करना चाहता है और पहले की तरह लुत्फ उठाना चाहता है.'
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