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This Article is From Aug 26, 2022

पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी टेस्ट में 5 विकेट, लेकिन फिर कभी भारत के लिए नहीं खेला पेसर, 53 साल के हो गए, पर सवाल...

क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब आज तक नहीं मिले हैं. और यह सवाल ही बहुत हद तक ऐसा ही है

पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी टेस्ट में 5 विकेट, लेकिन फिर कभी भारत के लिए नहीं खेला पेसर, 53 साल के हो गए, पर सवाल...
सचिन के साथ तस्वीर में आप इस क्रिकेटर को पहचान सकते हैं, तो पहचान लें
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सचिन के साथ हुआ था करियर शुरू
यह साल 1989 में पाकिस्तान का दौर था
आज कमेंट्री में है बड़ा नाम
नई दिल्ली:

आप सोचिए कि कोई तेज गेंदबाज अपने पाकिस्तान के पहले ही दौरे में करियर के दूसरे और आखिरी टेस्ट मैच साबित हुए मुकाबले में 5 विकेट ले ले, लेकिन इस प्रदर्शन के बाद भी अगर उसके भारत के लिए कभी भी आगे टेस्ट मैच खेलने का मौका न मिले, तो इसे कहा जाए, तो क्या कहा जाए. इस बात को लगभग 32-33 साल हो चुके हैं. अक्सर कुछ सवाल हमेशा के लिए पैदा हो जाते हैं. और कुछ ऐसा ही सवाल पूर्व पेसर विवेक राजदान के लिए आज भी करोड़ों क्रिकेट फैंस पूछते हैं, लेकिन इसका संतोषजनक जवाब न पहले मिला और न ही गुजरे करीब तीस सालों में. विवेक राजदान आज (#Onthisday) अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं. 

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साल 1989 का था पाकिस्तान दौरा
यह श्रीकांत की कप्तानी में वही ऐतिहासिक दौरा था, जिसमें क्रिकेट जगत को 
सचिन तेंदुलकर मिले थे. सियालकोट में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में पाकिस्तान की पहली पारी में विवेक राजदान ने पांच विकेट चटकाए थे. उन्होंने रमीज राजा और शोएब मोहम्मद जैसे बल्लेबाजों को बोल्ड किया था. राजदान ने फेंके 27 ओवरों में 5 मेडेन रखते हुए 79 रन देकर 5 विकेट लिए. पाकिस्तान की मैच में दूसरी पारी नहीं आयी, तो राजदान के जीवन में इसके बाद फिर से भारत के लिए गेंदबाजी करना नसीब नहीं हुआ

आज भी नहीं मिलता सवालों का जवाब?

पिछले 30-32 सालों में मीडिया लगातार यह सवाल उठाता रहा कि राजदान को फिर से भारत के लिए खेलने का मौका क्यों नहीं मिला? हालांकि, ऐसी भी खबरें थी कि राजदान चोटिल हो गए थे, लेकिन उन्होंने इस दौरे के बाद में दिल्ली के लिए खासे प्रथम श्रेणी मैच खेले थे. विवेक ने 29 मैचों में 67 विकेट चटकाए, लेकिन खेलने-खाने के दिनों में ही वह क्रिकेट की दुनिया से गुम हो गए

आज हैं कमेंट्री का जाना-पहचाना नाम
अगर यह कहा जाए कि आज के दौर में आकाश चोपड़ा के बाद हिंदी कमेंट्री दौर में विवेक राजदान दूसरे सर्वश्रेष्ठ कमेंटेटर हैं, तो एक बार यह गलत नहीं ही होगा. विवेक ने हालिया सालों में सधी हुई और नपी-तुली कमेंट्री से अपनी पहचान आम फैंस के बीच बना ली है. उनकी आवाज कानों में पड़ते ही पता चल जाता है कि कमेंटेटर कौन है. लेकिन फैंस को इस बात का इंतजार आज भी है कि यह पेसर भारत के लिए सिर्फ दो ही टेस्ट क्यों खेला? और आखिरी टेस्ट में 5 विकेट लेने के बावजूद उसे फिर अगला टेस्ट खेलने का मौका क्यों नहीं मिला?

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