Rajat Sharma ने आपसी खींचतान के चलते शनिवार को DDCA अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था
खास बातें
- तिहारा को दोबारा पद पर बहाल किए जाने पर लगाई रोक
- कहा-तिहारा का मामला लोकपास के पास है लंबित
- रजत ने खींचतान का आरोप लगाकर दे दिया था इस्तीफा
नई दिल्ली: दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (DDCA) के लोकपाल अवकाश प्राप्त न्यायाधीश बीडी अहमद ने रविवार को निलंबित महासचिव विनोद तिहारा (Vinod Tihara) को दोबारा पद पर बहाल किये जाने पर रोक लगाते हुए वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा (Rajat Sharma) को अध्यक्ष पद पर बने रहने का आदेश दिया. रजत शर्मा ने बिना किसी का नाम लिये लगातार जारी ‘खींचतान और दवाब' के बीच अपनी असमर्थता जताते हुए शनिवार को पद से त्यागपत्र दे दिया था. लोकपाल ने अपने निर्देश में कहा है कि अध्यक्ष की शक्तियां वापस लेने के लिए पारित प्रस्ताव में प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है और तिहारा का निलंबन वापस नहीं हो सकता है क्योंकि यह मामला लोकपाल के पास लंबित है.
इस्तीफा देते हुए रजत शर्मा (Rajat Sharma) ने बयान में कहा था, ‘यहां क्रिकेट प्रशासन हर समय खींचतान और दबावों से भरा होता है. मुझे लगता है कि यहां निहित स्वार्थ हमेशा क्रिकेट के हितों के खिलाफ सक्रिय रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि डीडीसीए में निष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता के सिद्धांतों के साथ चलना संभव नहीं है जिनसे कि मैं किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करूंगा.'
रजत शर्मा पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली का समर्थन मिलने पर क्रिकेट प्रशासन से जुड़े थे. डीडीसीए के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि जेटली के निधन के बाद शर्मा कमजोर पड़ गये थे क्योंकि पूर्व वित्त मंत्री संस्था के विभिन्न गुटों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाते थे.
वीडियो: सौरव गांगुली ने बीसीसीआई का अध्यक्ष पद संभाला
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)