
David Bedingham: आठ बरस पहले प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण करने वाले 21 वर्ष के डेविड बेडिंगहम की आंखों में कई सपने थे लेकिन एक भयावह कार दुर्घटना ने उन्हें एक साल के लिये खेल से दूर कर दिया. इसके बावजूद उनके सपने नहीं टूटे थे और न ही उन्होंने हालात से समझौता किया. देश के लिये क्रिकेट खेलने की ललक उन्हें फिर मैदान पर ले आई और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 89 मैचों में 6000 रन बनाने के बाद सेंचुरियन में पिछले सप्ताह भारत के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका टीम में उन्होंने पदार्पण किया. अब वह अपने शहर केपटाउन में पहला टेस्ट खेलने जा रहे हैं. उन्होंने कहा ,‘‘ मैं रन बनाऊं या नहीं , मेरे परिवार या दोस्तों को इससे फर्क नहीं पड़ेगा. मेरे लिये इस मैदान पर खेलना ही खास होगा.''
उन्होंने कहा ,‘‘ अब तक मैं यहां मैच देखने ही आता रहा हूं लेकिन अब यहां खेलना सपने जैसा है. मेरे दोस्त लगातार फोन कर रहे हैं. यह पूछने के लिये नहीं कि मैं खेल रहा हूं या नहीं बल्कि टिकटों के लिये.'' बेडिंगहम ने कहा ,‘‘ 2016 से अब तक मैने बहुत कुछ सहा है. अब यहां टेस्ट खेलने का मौका मिलना वाकई खास है. मेरे माता पिता यहां है जिन्होंने काफी उतार चढाव देखे हैं. मैं पढाई भी पूरी नहीं कर सका. मुझे उन्हें बहुत कुछ देना है. मेरा सबसे बड़ा सपना न्यूलैंड्स में शतक जमाने का है.''
उनके स्कूल के सीनियर जाक कैलिस और हर्शल गिब्स बचपन में उनके हीरो थे लेकिन किशोरावस्था में उन्हें रोहित शर्मा और विराट कोहली की बल्लेबाजी देखने में मजा आता रहा. उन्होंने कहा ,‘‘ भारतीय खिलाड़ियों में रोहित शर्मा और विराट कोहली मेरे पसंदीदा है. जब मैं 13 से 18 साल के बीच था तो कैलिस और गिब्स की तरह खेलने की कोशिश करता. जब भी कोई मैच खराब होता तो कोहली या शर्मा की तकनीक कॉपी करता.''
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