
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से जुड़ी प्रशासकों की समिति (COA)की सदस्य और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुलजी (Diana Edulji) का कहना है कि मिताली राज (Mithali Raj) के विवाद में COA हस्तक्षेप नहीं करेगा. डायना COA की दो सदस्यीय समिति की सदस्य हैं और उनका कहना है कि समिति क्रिकेट के फैसलों का बोझ नहीं ले सकती. उल्लेखनीय है कि महिला टी20 वर्ल्डकप (Women's T20 World Cup) इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मैच में टीम की सबसे अनुभवी बल्लेबाज मिताली को ही बेंच पर बैठाया गया और इस मैच में भारतीय टीम हार गई थी. इस कारण मिताली को सेमीफाइनल मैच में शामिल न करने का विवाद खड़ा हो गया और इसने अब बड़ा रूप ले लिया है. इंग्लैंड के खिलाफ मिली हार के बाद हरमनप्रीत ने मिताली राज को न खिलाने के टीम मैनेजमेंट के फैसला का बचाव किया था.
इस वजह से मिताली राज हुईं सेमीफाइनल से बाहर, टीम मैनेजर ने बयां की 'इनसाइड स्टोरी'
टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में घुटने की चोट के कारण मिताली बाहर थीं लेकिन उससे पहले खेले गए दो मैचों में उन्होंने लगातार अर्धशतकीय पारियां खेली थीं.सेमीफाइनल मैच से एक दिन पहले उन्हें फिट घोषित कर दिया गया था. इसके बावजूद प्रबंधन ने उन्हें बेंच पर बैठाकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत हासिल करने वाली अंतिम एकादश को बरकरार रखने का फैसला किया. इस मसले पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के कामकाजों पर निगरानी बनाए रखने के लिए नियुक्त की गई कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (COA)की सदस्य एडुलजी ने कहा समिति क्रिकेट के फैसलों का बोझ नहीं उठा सकती. हालांकि, सीओए उनसे संपर्क करने वाले खिलाड़ी की चिंताओं का ध्यान रखेगा.
वीडियो: महिला क्रिकेटर मिताली राज से खास बातचीत
इस मामले पर भारतीय टी-20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur )और टीम प्रबंधक तृप्ति भट्टाचार्य ने बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी और महाप्रबंधक सबा करीम के साथ एक बैठक की थी. पिछले सप्ताह करीम और जौहरी ने टीम के मुख्य कोच रमेश पवार से भी मुलाकात की थी. ऐसे में अब दोनों एक रिपोर्ट तैयार कर सीओए को सौंपेंगे. इस पर एडुलजी का कहना है, "सीओए इस मामले में खुद से शामिल नहीं होगी. हम क्रिकेट के मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे अंतिम एकादश में कौन खेलता है, यह हमारी सरदर्दी नहीं है और यह किसी और की परेशानी भी नहीं होनी चाहिए. इसका फैसला टीम प्रबंधन को लेना चाहिए. टीम प्रबंधन के फैसलों पर सवाल उठाना सीओए का काम नहीं है" (इनपुट: एजेंसी)
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