..लेकिन ये पांच क्रिकेटर अमीर से फटे हाल हो गए, कोई टैक्सी ड्राइवर बन गया, तो कोई...

इन क्रिकेटरों को अर्श से फर्श का मुंह देखना पड़ा और आजीविका चलाने के लिए न जाने क्या-क्या किया, लेकिन सकारात्मक और प्रेरणादायक बात यह रही कि इन्होंने जीवन से हार नहीं मानी. 

..लेकिन ये पांच क्रिकेटर अमीर से फटे हाल हो गए, कोई टैक्सी ड्राइवर बन गया, तो कोई...

एक समय क्रिस केर्न्यस दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडरों में शुमार थे

खास बातें

  • क्या से क्या हो गया देखते-देखते..!
  • कभी तूती बोलती थी क्रिस केर्न्यस की
  • भारत के पहले विकेटकीपर के साथ यह क्या हुआ!!
नई दिल्ली:

आज पूरी दुनिया और क्रिकेट प्रशंसक भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) की लॉकडाउन में इंस्टाग्राम से होन वाली कुल कमाई और प्रति प्रायोजित पोस्ट के साथ उनकी कुल संपत्ति के बारे में बात कर रहे है. प्रशंसक दुनिया भर के टॉप अमीर क्रिकेटरों के बारे में भी बातें कर रहे हैं, लेकिन यहां ऐसे भी क्रिकेटर हुए हैं, जो राजा से रंक बन गए. चलिए आपका इन क्रिकेटरों से भी परिचय करा देते हैं, जिनके हिस्से में  पैसों के लिहाज से बहुत ही दुर्दिनों से गुजरना पड़ा. इन क्रिकेटरों को अर्श से फर्श का मुंह देखना पड़ा और आजीविका चलाने के लिए न जाने क्या-क्या किया, लेकिन सकारात्मक और प्रेरणादायक बात यह रही कि इन्होंने जीवन से हार नहीं मानी. 

1. अरशद खान

इस पाकिस्तानी ऑफ स्पिनर की लंबाई बहुत ही अच्छी थी और इन्होंने साल 1997-98 में विंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट खेला. कुल मिलाकर अरशद खान ने साल 2006 तक 58 वनडे 6 टेस्ट खेले. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साल 2005 में भारत के खिलाफ आया, जब उन्होंने 33 रन देकर 4 विकेट चटकाए. खलीज टाइम्स के अनुसार, अरशद खान फिलहाल सिडनी में उबेर टैक्सी ड्राइवर हैं. 


2. एडम होलिएक
ऑस्ट्रेलिया में जन्मे इस क्रिकेटर को कभी इंग्लैंड टीम का एक बेहतरीन ऑलराउंडर माना गया. वह थोड़े समय के लिए इंग्लैंड के कप्तान भी रहे. वह बेन  होलिएक के बड़े भाई हैं, जिनकी साल 2002 में कार एक्सीटेंड में मौत हो गई थी. एडम आखिरी बार साल 2007 में इंग्लैंड के लिए खेले और फिर पारिवारिक बिजनेस संभालने ऑस्ट्रेलिया चले गए. साल 2008 में आयी भयावद मंदी में उनकी कंपनी की हालत पतली हो गई और 2011 में उन्हें दिवालिया घोषित कर दिया. आजीविका चलाने के लिए होलिएक मिक्स मार्शल आर्ट्स से जुड़ गए और अब नौकरी कर रहे हैं.  होलिएक इस बात का उदाहरण हैं कि किस्मत आपको कैसे खेल खिलाती है और वह संघर्षरत क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा हैं.

3. मैथ्यू सिंक्लेयर
न्यूजीलैंड के इक ओपनर को अपने पहले ही टेस्ट में दोहरा शतक जड़ने के लिए याद किया जाता है. चार साल की उम्र में पिता की मौत के बाद वह अपनी मांत के साथ ऑस्ट्रेलिया से न्यूजीलैंड आए थे. साल 2013 में संन्यास लेने वाले सिंक्लेयर के पास कुछ समय के लिए नौकरी नहीं थी. खराब आर्थिक हालत ने उनके वैवाहिक जीवन पर भी असर डाला. इस बात ने उनकी मुश्किलों को और बढ़ा दिया कि सिंक्लेयर ने अपनी पढ़ाई पूरी नहीं की. क्रिकेट में अच्छी शुरुआत के बाद उन्हें औसत ही सफलता मिली. सिंक्लेयर के हालात बताते हैं कि कुछ भी स्थायी नहीं होता और जीवन में वैकल्पिक प्लान जरूरी हैं.

4. क्रिस केर्न्यस

इस कीवी क्रिकेटर को कभी दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर कहा जाता था. केर्यन्स लंबे-लंबे छक्के लगाने के लिए प्रसिद्ध थे और अपनी शारीरिक बनावट और कर्ली बालों के लिए महिलाओं में बहुत लोकप्रिय थे. साल 2010 में केर्न्यस ने दुबई में हीरा व्यापरी के तौर पर काम किया. साल 2012 में आईसीएल चेयरमैन ललित मोदी के खिलाफ मुकदमा जीतने पर उन्हें अच्छी रकम मिली थी. बहरहाल, हालात एक बार फिर से केर्न्यस के लिए उलट हो गए, जब एक साल बाद फिर से उनका नाम मैच फिक्सिंग में आया. कानूनी कार्यवाही के खर्चो ने उनके पारिवारिक जीवन को  बुरी तरह प्रभावित किया. हालात इतने बुरे हो गए कि केर्न्यस को बस साफ करने का काम करना पड़ा. 

5. जनार्दन नावले

बड़ी संख्या में प्रशंसकों ने यह नाम भी नहीं सुना होगा. नावले भारत के पहले टेस्ट विकेटकीपर थे. नावले ने 1932 में लॉर्ड्स में भारत के पहले टेस्ट में विकेटकीपिंग की. भारत के लिए सिर्फ 2 ही टेस्ट मैच खेलने वाले जर्नादन ने बाद में एक शुगर मिल में बतौर सिक्योरिटी गॉर्ड नौकरी की और पुणे में दो कमरे के फ्लैट में रहते थे. बाद में ऐसी कई खबरें आयी, जिनमें कहा गया कि निधन से पहले नावले के आखिरी दिन बॉम्बे-पुणे हाई-वे पर भीख मांगते हुए गुजरे. 

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