एशेज विवाद : बेन स्टोक्स ने फेंकी 14 नो बॉल, अंपायर ने मानी सिर्फ 2, जानिए क्या है पूरा मामला

एक ही सत्र में इतनी नो बॉल फेंके जाने की बात पहले तो किसी के गले नहीं उतर रही, उसके उपर से ये बात सामने आ रही है कि इस मैच में नो बॉल पता करने वाली जिस तकनीक का इस्तेमाल होता है वो ठीक ने काम नहीं कर रही थी.

एशेज विवाद : बेन स्टोक्स ने फेंकी 14 नो बॉल, अंपायर ने मानी सिर्फ 2, जानिए क्या है पूरा मामला

एशेज के पहले ही मैच में विवाद

खास बातें

  • पहले ही मैच में विवादों में आया एशेज
  • बेन स्टोक्स की नो बॉल को लेकर बढ़ गया विवाद
  • अंपायरों पर उठे सवाल
नई दिल्ली:

गाबा के मैदान पर एशेज (The Ashes) के पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन एक विवाद देखने को मिला. ब्रिसबेन (Brisbane) के मैदान पर गुरुवार को दूसरे दिन पहले ही सत्र में इंग्लैंड (England) के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स( Ben Stokes) ने 14 नो बॉल की, लेकिन अंपायर ने उन में से केवल दो गेंदों को ही नॉ  बॉल करार दिया. एक गेंद तो ऐसी थी जिस पर डेविड वॉर्नर बोल्ड हुए थे लेकिन बाद में थर्ड अंपायर ने अपने वक्त लेते हुए उस गेंद को नो बॉल माना और उन्हें नॉट आउट करार दिया. उस समय वॉर्नर 13 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे थे. पूरे दिन का खेल खत्म होने के बाद स्कोरकार्ड में बेन स्टोक्स के नाम पर केवल तीन ही नो बॉल दिखाई दे रही हैं. 

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एक ही सत्र में इतनी नो बॉल फेंके जाने की बात पहले तो किसी के गले नहीं उतर रही, उसके उपर से ये बात सामने आ रही है कि इस मैच में नो बॉल पता करने वाली जिस तकनीक का इस्तेमाल होता है वो ठीक ने काम नहीं कर रही थी. ऑस्ट्रेलिया के मीडिया (चैनल 7) ने इस बात को बाद में उजाकर किया कि उस ओवर में पहले जो तीन गेंद डाली गई थी वो भी नो बॉल ही थीं लेकिन अंपायर की तरफ से उन गेंदों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.  आपको बता दें कि आईसीसी के नियम के अनुसार (गेंदबाज के पोपिंग क्रीज को क्रोस करने) नो बॉल गेंद को बताने का काम थर्ड अंपायर का होगा, लेकिन खबर ये आ री है कि इस मैच में ये तकनीक काम नहीं कर रही है. 


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चैनल 7 के एक वीडियो के माध्यम से इस मुद्दे को और भी हवा तब दी जब उन्होंने बताया कि पहले सत्र में बेन स्टोक्स ने 14 नो बॉल फेंकी लेकिन सिर्फ 2 गेंद ही को अंपायर के द्वारा नो बॉल करार दिया गया.  

सवाल खड़े हुए
अब यहां पर कई सवाल खड़े होते हैं कि क्या बेन स्टोक्स को पता था कि तकनीकी खराबी के चलते वे ओवरस्टेप गेंदबाजी करके फायदा उठा सकते हैं और जानबूझ  कर ऐसा कर रहे थे. दूसरा सवाल ये है कि अगर तीसरे अंपायर के पास ये तकनीक नहीं थी तो वे नो बॉल देखने की जिम्मेदारी क्या ग्राउंड अंपायर को नहीं दे सकते थे. ऐसे में अगर इन 14 गेंदों को नो बॉल करार दिया जाता तो ऑस्ट्रेलिया के खाते में निश्चित रूप से अतिरिक्त रन जुड़ते और क्या पता मैच के आखिर में हार या जीत, इन्हीं रनों से तय हो.  

अगर सीरीज के पहले ही मैच में इस तरह की अंपायरिंग देखने को मिलेगी तो पूरी सरीज को विवादों में घिरने से अब कोई नहीं रोक सकता. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व  कप्तान रिकी  पोटिंग ने भी खराब अंपयारिंग के चलते अपना गुस्सा जाहिर किया है. 

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