इन कारणों से अश्विन व लॉयन को वनडे में टेस्ट जैसी सफलता नहीं मिली, मुश्ताक अहमद ने कहा
मुश्ताक ने कहा, ‘आजकल इतना क्रिकेट खेला जा रहा है कि अलग-अलग प्रारूप के लिए अलग-अलग स्पिनर होने चाहिए. आप पांच छह स्पिनरों को चुनकर उन्हें अलग अलग प्रारूप में इस्तेमाल कर सकते हैं
- Reported by Bhasha, Edited by Manish Sharma
- Updated: May 07, 2020 07:17 PM IST

हाईलाइट्स
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इन दिनों बहुत ही मुखर हैं मुश्ताक !
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युवाओं को दे रहे हैं बहुत ही अहम सलाह
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कुछ दिन पहले युजवेंंद्र चहल को दी थी अहम सलाह
रविचंद्रन अश्विन और नॉथन लियॉन जैसे विश्व स्तरीय टेस्ट गेंदबाज सीमित ओवरों में टेस्ट मैच जैसी सफलता नहीं दोहरा सके. और अब पूर्व दिग्गज मुश्ताक अहमद ने उन कारणों पर रोशनी डाली है, जिसके कारण इन बॉलरों को वनडे में ऐसी कामयाबी नहीं मिल सकी. अश्विन ने 71 टेस्ट में 365, तो लॉयन ने 96 टेस्ट में 390 और पाकिस्तान के यासिर शाह ने 39 टेस्ट में 213 विकेट लिए हैं. वनडे और टी20 में हालांकि वह इस सफलता को नहीं दोहरा सके.
मुश्ताक ने इंटरव्यू में कहा ,‘‘युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव को देखो. दोनों ने सफेद गेंद से भारत को कई मैच जिताए हैं, तो वहीं लॉयन, अश्विन और यासिर की गेंदों में शायद वनडे क्रिकेट के लायक विविधता ही नहीं थी.' इंग्लैंड समेत दुनिया भर में कोचिंग कर चुके मुश्ताक का मानना है कि टेस्ट और सीमित ओवरों के स्पिनरों को अलग-अलग करना होगा.
उन्होंने कहा, ‘स्पिनरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती टेस्ट क्रिकेट है, जहां उनकी प्रतिभा की असली परख होती है. यासिर शाह, नॉथन लॉयन, मोईन अली, अश्विन जैसे गेंदबाजों का टेस्ट क्रिकेट में योगदान अपार है.' उन्होंने कहा, इनमें से कुछ वनडे क्रिकेट में भी सफल रहे हैं, लेकिन बदले हुए नियमों के साथ क्रिकेट अब काफी बदल गया है, ऐसे में रहस्यमयी स्पिनर और कलाई के स्पिनर अधिक प्रभावी हो गए हैं.
मु्श्ताक ने कहा कि इनमें आदिल रशीद, एडम जाम्पा, चहल, यादव और शादाब खान शामिल है.' मुश्ताक ने कहा, ‘आजकल इतना क्रिकेट खेला जा रहा है कि अलग-अलग प्रारूप के लिए अलग-अलग स्पिनर होने चाहिए. आप पांच छह स्पिनरों को चुनकर उन्हें अलग अलग प्रारूप में इस्तेमाल कर सकते हैं . इससे उनका कैरियर भी लंबा होगा.'
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उन्होंने कहा कि लॉयन और अश्विन दोनों सकलैन मुश्ताक और मुथैया मुरलीधरन के दर्जे के गेंदबाज हैं, लेकिन वनडे क्रिकेट के अनुकूल नहीं हैं.