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This Article is From Sep 13, 2023

"BCCI ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया", कुंबले ने बताई World Cup के लिए टीम इंडिया की कमजोर कड़ी

World Cup 2023: जंबो ने कहा कि हमारे पास ऐसे खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए चार साल थे. इनकी पहचान करने के लिए निर्देश दिए जाने चाहिए थे और उनकी पहचान की जानी चाहिए थी.  

"BCCI ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया", कुंबले ने बताई World Cup के लिए टीम इंडिया की कमजोर कड़ी

यह कहना सही होगा कि World Cup 2023 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. और तमाम करोड़ों भारतीय प्रशंसक बहुत ही बेसब्री के साथ 5 अक्टूबर से शुरू होने वाली मेगा इवेंट का इंतजार कर रहे हैं. और पाकिस्तान पर शानदार जीत के बाद अब टीम इंडिया से उम्मीदें भी बहुत ज्यादा परवान चढ़ गई हैं. इसी बीच पूर्व कप्तान अनिल कुंबले (Anil Kumble) ने टीम इंडिया की कमजोर कड़ी की ओर इंगित गिया है. वैसे यह बात सही है कि World Cup 2023 के लिए टीम इंडिया के ऐलान के बाद से ही सदस्यों को लेकर बहस और बयानबाजी जारी है. और अब अनिल कुंबले भी चुनी गई टीम से संतुष्ट नहीं हैं.  कुंबले का मानना है कि टीम में एक ऐसा महत्वपूर्ण क्षेत्र ऐसा है, जिस पर पूरी तरह ध्यान नहीं दिया गया है.

एक वेबसाइट से बातचीत में कुंबले ने टीम में ऑलराउंडर की कमी बताते हुए कहा कि वनडे टीम में और ज्यादा ऑलराउंडरों की दरकार है. पूर्व कप्तान ने कहा कि बल्ले से योगदान देने वाले बॉलरों की अहमियत बढ़ जाती है, लेकिन समान दृष्टि से ऐसे बल्लेबाजों का भी होना जरूरी है, जो गेंदबाजी में भी विकल्प बन सकें. इससे टीम में  गहराई आती है. अनिल ने इंगित करते हुए कहा कि भारत के पास पिछले चार सालों में ऐसे खिलाड़ियों को विकसित करने का  समय था, लेकिन ऐसा करने में हम नाकाम रहे.  

महान लेग स्पिनर ने कहा कि पिछले वनडे विश्व कप से जिस समस्या पर ध्यान देने की जरूरत थी, वह यह था कि हमें ज्यादा ऑलराउंडरों की जरुरत थी, लेकिन इस पर कभी भी ध्यान नहीं दिया गया. हमारे पास ऐसे बल्लेबाज नहीं हैं, जो सामने आकर बॉलिंग का विकल्प प्रदान कर सकें. यहां गेंदबाजों का बल्ले से योगदान देना दूसरी चीज है, लेकिन मैं सोचता हूं कि बल्लेबाजों का गेंदबाजी विकल्प होना निश्चित तौर पर गहराई प्रदान करता है.  

जंबो ने कहा कि हमारे पास ऐसे खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए चार साल थे. इनकी पहचान करने के लिए निर्देश दिए जाने चाहिए थे और उनकी पहचान की जानी चाहिए थी.  इनसे कहना था कि आप वो शख्स हैं, जो मुझे विकल्प देने जा रहे हैं. उदाहरण के तौर पर पर यशस्वी जायसवाल. मैं जानता हूं कि वह थोड़ी बहुत लेग ब्रेक बॉलिंग करता है. लेकिन पिछले एक साल मैं मैंने बमुश्किल ही उन्हें गेंदबाजी करते हुए देखा है. 

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