
- यह मुद्दा बहुत ही गंभीर है!
- अभी रैना, इरफान बोले, कल कोई और बोलेगा!!
- आखिर मांग मानने में गलत क्या है?
एक दिन पहले ही सुरेश रैना और इरफान पठान ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से यह अपील की थी कि उन खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए, जो टीम इंडिया में जगह बनाने की होड़ में नही हैं. वैसे आम तौर पर नियम यही है कि अगर कोई खिलाड़ी विदेशी लीग में खेलना चाहता है, तो उसे संन्यास का ऐलान करना पड़ता है. युवराज सिंह को हाल ही में ऐसे ही विदेशी लीग में खेलने की इजाजत मिली थी. बहरहाल, अब बीसीसीआई अधिकारी ने जवाब दिया है कि बोर्ड क्यों अपने खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की इजाजत नहीं देता.
अधिकारी ने कहा कि बोर्ड हमेशा ही उन खिलाड़ियों की प्रतिष्ठा को बरकरार रखना चाहता है, जो उन्हें आईपीएल में मोटी रकम दिलाती है. बोर्ड के नजरिए और भारतीय क्रिकेट के हितों को देखते हुए हमारा मकसद ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करना है, जहां गैर अनुबंधित खिलाड़ी आईपीएल नीलामी में अच्छी रकम हासिल कर सकें यह इशारा करते हुए कि रैना अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के किनारे पर हैं, अधिकारी ने यह भी कहा कि जब खिलाड़ी अपने करियर की ढलान पर होते हैं, तो उनकी तरफ से इस तरह के विचार आना एक सच्चाई है.
अधिकारी ने कहा कि इस स्थिति में ऐसे बयान एक स्वाभाविक सी बात है. यह उनका विचार है. भविष्य में अपने हितों को देखते हुए इस तरह के विचार रखना एक अच्छी बात है. एक दिन पहले ही रैना ने इंस्टाग्राम के जरिए इरफान पठान से बातचीत में कहा था कि बीसीसीआई और आईसीसी मिलकर उन खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति दे सकते हैं, जो बोर्ड और फ्रेंचाइजी टीम से अनुबंधित नहीं हैं.
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बीसीसीआई के अधिकारी ने रैना की अपील पर बात तो रख दी है, लेकिन उनके जवाब में कोई स्पष्टता नहीं है. उनके जवाब में ऐसा ठोस तर्क नजर नहीं आता कि उन खिलाड़ियों को अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए जिनकी बात रैना कर रहे हैं. रैना की अपील का असर यह होगा कि आने वाले दिनों में और भी क्रिकेटर ऐसी मांग करेंगे.
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