पहली बार भारतीय टीम में चुने गए अर्शदीप सिंह ने बताया, कैसे पलटी किस्मत
पहली बार राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने से खुश बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) ने कहा है कि पंजाब किंग्स (Punkab Kings) के बड़े शॉट खेलने में समक्ष बल्लेबाजों को नेट पर गेंदबाजी करने से उन्हें अपने यॉर्कर सटीक करने में मदद मिली
- Posted by Manish Sharma
- Updated: May 23, 2022 06:57 PM IST

हाईलाइट्स
- साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान
- अर्शदीप सिंह को पहली बार मिला टीम इंडिया में मौका
- 9 जून से शुरू होगा टी-20 सीरीज
पहली बार राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने से खुश बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) ने कहा है कि पंजाब किंग्स (Punkab Kings) के बड़े शॉट खेलने में समक्ष बल्लेबाजों को नेट पर गेंदबाजी करने से उन्हें अपने यॉर्कर सटीक करने में मदद मिली. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मौजूदा सत्र में डेथ ओवरों में अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित करने वाले 23 साल के अर्शदीप ने अपने अभियान का अंत 10 विकेट के साथ किया लेकिन इस दौरान उन्होंने 7.70 की इकोनॉमी दर से रन दिए. सटीक और वाइड यॉर्कर डालने की क्षमता के कारण उन्हें अगले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली घरेलू सीरीज के लिए भारतीय टीम में जगह मिली है.
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अर्शदीप को यह खुशखबरी रविवार को उस समय मिली जब वह सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ पंजाब का अंतिम आईपीएल मुकाबला खेलने जा रहे थे. अर्शदीप ने पंजाब किंग्स की सनराइजर्स हैदराबाद पर पांच विकेट की जीत के बाद टीम के अपने साथी हरप्रीत बरार से कहा, ‘‘मुझे मैच से ठीक पहले बस में यह खबर मिली कि मुझे भारतीय टीम में चुना गया है. मैच होने वाला था इसलिए मैंने अधिक कुछ महसूस नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘यह विशेष लम्हा है, मैं भाग्यशाली और आभारी महसूस कर रहा हूं और इसी तरह का प्रदर्शन जारी रखना चाहता हूं.'
पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ उसकी सरजमीं पर सीरीज के दौरान भारतीय टीम के साथ नेट गेंदबाज की भूमिका निभाने वाले अर्शदीप ने कहा कि पंजाब किंग्स के नेट सत्र में जॉनी बेयरस्टो, शिखर धवन और लियाम लिविंगस्टोन जैसे विश्व स्तरीय बल्लेबाजों को गेंदबाजी करने से उन्हें अपने यॉर्कर सटीक करने में मदद मिली.
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उन्होंने कहा, ‘‘इसका श्रेय टीम प्रबंधन को जाता है, उन्होंने टीम में ऐसे बल्लेबाज चुने हैं जिनहें नेट पर गेंदबाजी करते हुए रोकने का एकमात्र विकल्प यॉर्कर डालना है और इससे यॉर्कर फेंकने की मेरी क्षमता में सुधार हुआ.''
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)