पाकिस्तान के खिलाफ मैच में 36 साल पहले चेतन शर्मा थे और अब अर्शदीप सिंह हैं, जानिए कैसे एक फुलटॉस गेंद ने..

भारतीय जनता ने तब चेतन को नहीं बख्शा था जबकि वह लार्ड्स टेस्ट में पांच विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाजों में से एक थे और वनडे विश्व कप में पहली हैट्रिक लेने वाले गेंदबाज थे. लेकिन लोगों को बस वही एक गेंद याद है.

पाकिस्तान के खिलाफ मैच में 36 साल पहले चेतन शर्मा थे और अब अर्शदीप सिंह हैं, जानिए कैसे एक फुलटॉस गेंद ने..

अर्शदीप सिंह ने पाकिस्तान के खिलाफ आसिफ अली का कैच छोड़ दिया

नई दिल्ली:

भारतीय गेंदबाज अर्शदीप सिंह पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप के ‘सुपर फोर' मुकाबले में महत्वपूर्ण कैच लपकने से चूक गये लेकिन 36 साल पहले कुछ ऐसा ही वाकया चेतन शर्मा के साथ हुआ था जब उनकी गेंद यॉर्कर के बजाय फुलटॉस होकर छक्के के लिये चली गयी थी चेतन ने तब जावेद मियांदाद को यॉर्कर डालने का प्रयास किया था जिन्हें तब ‘शारजाह का महाराजा' कहा जाता था लेकिन यह फुल टॉस हो गयी. दूरदर्शन के उन दिनों में इसमें सिर्फ सामान्य कवरेज होती थी और अब ही ऐसा है कि शारजाह स्टेडियम में इंडियन प्रीमियर लीग मैच देख पाते हैं. हमें पता है कि यह छोटा मैदान है जहां छक्के आराम से लगाये जा सकते हैं.

1986 में आस्ट्रालेशिया कप फाइनल में चेतन के लिये एक गेंद काफी खराब रही जिसमें वह लेंथ से चूक गये, और अब 2022 में आसिफ अली ने हवा में शॉट खेला और अर्शदीप ने कैच छोड़ दिया जबकि वैसे वह 11 में 10 बार इसे पकड़ लेते. टीम के सभी साथी काफी निराश हो गये. इन दोनों मैचों के बीच 36 साल का अंतर रहा लेकिन दर्शक इंसान की सरल सी गलती को भी स्वीकार नहीं कर पाते और तब चेतन इससे काफी भयभीत हो गये थे बस उम्मीद कर सकते हैं कि रविवार को कैच छूटने से हुई चूक इस 23 साल के खिलाड़ी के दिमाग में गहरा असर नहीं करे क्योंकि अगर सब ठीक रहता है तो उसका आगामी वर्षों में विश्व क्रिकेट में टी20 के अंतिम ओवरों के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज में से एक बनना तय है.

भारतीय जनता ने तब चेतन को नहीं बख्शा था जबकि वह लार्ड्स टेस्ट में पांच विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाजों में से एक थे और वनडे विश्व कप में पहली हैट्रिक लेने वाले गेंदबाज थे. लेकिन लोगों को बस वही एक गेंद याद है. रविवार की रात सोशल मीडिया पर अर्शदीप के कैच छूटने पर जो प्रतिक्रिया थी, उसे भी हल्के में नहीं लिया जा सकता और इसमें दिखायी गयी घृणा को बयां नहीं किया जा सकता. यहां तक कि उन्हें ‘खालिस्तानी' करार कर दिया गया. कुछ खेल प्रेमियों ने तो उनके ‘विकीपीडिया पेज' को हैक करके संपादित कर दिया और इसमें आपत्तिजनक शब्द ‘खालिस्तानी' उनके नाम में जोड़ दिया.


हैकर ने अर्शदीप का नाम मेजर अर्शदीप सिंह लांगड़ा और फिर मेजर अर्शदीप सिंह बाजवा कर दिया. लेकिन फिर इन्हें सही करके विकीपीडिया पेज को मूल रूप में कर दिया गया और जहां तक भारत सरकार का संबंध है तो इस पर संज्ञान लिया गया. भारत के कौशल विकास और उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस मामले का संज्ञान लिया और ट्वीट किया, ‘‘भारत में परिचालन कर रहे किसी भी मध्यस्थ को इस तरह की गलत सूचना देने और नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर किए गए प्रयासों की अनुमति नहीं दी जा सकती. यह हमारी सरकार की सुरक्षित और विश्वस्त इंटरनेट की उम्मीदों का उल्लंघन करता है. ''

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लोग भूल गये कि कैच छूटने के कुछ ही मिनट बाद अर्शदीप अंतिम ओवर डालने आये और उन्होंने शानदार जज्बा दिखाकर उसी आसिफ को पगबाधा आउट किया. वे भूल गये कि टी20 मैच में अंतिम ओवर में केवल सात रन का ही बचाव करना था जिन्हें बनाना काफी आसान था. वे भूल गये कि हार्दिक पंड्या, युजवेंद्र चहल और भुवनेश्वर कुमार के लिये भी दिन अच्छा नहीं रहा था.