विजेंदर सिंह की फाइल फोटो
खास बातें
- बधाई के अलावा हिना को पैसों की भी दरकार-विजेंदर
- हिमा अपने पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं
- हिमा के पिता करते हैं चावल की खेती
कोलकाता: भारत के पहले पेशेवर मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने मंगलवार को इतिहास रचने वाली हिमा दास की तारीफ करते हुए कहा कि असम की इस धाविका को आर्थिक मदद मिलनी चाहिए ताकि वह अपने करियर को आगे बढ़ा सकें. हिमा ने पिछले सप्ताह टाम्पेरे में आयोजित आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैम्पियनशिप में महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था. हिमा ने 51.46 सेकेंड का समय निकालते हुए जीत हासिल की थी. विजेंदर ने यहां न्यूटाउन स्कूल में सवंदादाताओं से कहा, "उन्होंने शानदार काम किया है, वह बेहतरीन खिलाड़ी हैं"
ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले विजेंदर ने कहा, "लोग बाग सिर्फ उन्हें बधाई दे रहे हैं, लेकिन ऐसे भी लोग होने चाहिए जो उन्हें आर्थिक मदद दें.वह एक गरीब परिवार से आती हैं और उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत होगी. बता दें कि हिमा के पिता असम में नौगांव जिले के ढिंग गांव के रहने वाले हैं. वह गांव में चावल की खेती करते हैं. हिमा अपने पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं. हिमा अपने शुरुआती करियर में फुटबाल खिलाड़ी बनना चाहती थीं.
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विजेंदर को अपने अगले पेशेवर मुकाबले में ब्रिटेन के ली मार्खाम से 13 जुलाई को भिड़ना था. दोनों के बीच कॉमनवेल्थ सुपर मिडिलवेट खिताब के लिए भिड़ंत होनी थी, लेकिन ली के चोटिल होने जाने के कारण यह मुकाबला स्थागित करना पड़ा. इसलिए अब नई तारीख और नए प्रतिद्वंदी की तलाश है. विजेंदर ने बताया, "हमारी कोशिश सितंबर में मुकाबला कराने की थी, लेकिन अभी तक तारीख तय नहीं हुई है"
VIDEO: हिमा दास ने एनडीटीवी से खास बात की. जानिए क्या कह रही है उदीयमान एथलीटउन्होंने कहा, "मुकाबला ली से होना था लेकिन वो चोटिल हो गए और मैच स्थागित करना पड़ा. अब कॉमनवेल्थ समिति तय करेगी की विपक्षी खिलाड़ी कौन होगा"