निखत ज़रीन, लवलीना बोर्गोहेन, नीतू घनघस व स्वीटी बूरा विश्व चैंपियनशिप के फ़ाइनल में

भारतीय मुक्केबाजों के लिए खुशी का दिन है क्योंकि निकहत ज़रीन (50 किग्रा), लवलीना बोर्गोहेन (75 किग्रा), नीतू घनघास (48 किग्रा) और स्वीटी बूरा (81 किग्रा) की चौकड़ी ने शानदार जीत के साथ नई दिल्ली में महिला विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश कर लिया है.

निखत ज़रीन, लवलीना बोर्गोहेन, नीतू घनघस व स्वीटी बूरा विश्व चैंपियनशिप के फ़ाइनल में

भारत की 4 मुक्केबाज़ फाइनल में

नई दिल्ली:

भारतीय मुक्केबाजों के लिए खुशी का दिन है क्योंकि निकहत ज़रीन (50 किग्रा), लवलीना बोर्गोहेन (75 किग्रा), नीतू घनघास (48 किग्रा) और स्वीटी बूरा (81 किग्रा) की चौकड़ी ने शानदार जीत के साथ नई दिल्ली में महिला विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश कर लिया है. निकहत ने जहां रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता कोलंबिया की इंग्रिट वालेंसिया को 5-0 से हराया, वहीं दो बार की विश्व कांस्य पदक विजेता लवलीना ने चीन की ली कियान को 4-1 से हराकर प्रतिष्ठित चैंपियनशिप के खिताबी दौर में सबसे पहले अपना नाम पक्का किया.  

नीतू ने मौजूदा एशियाई चैंपियन कजाकिस्तान की अलुआ बाल्किबेकोवा पर 5-2 से जीत दर्ज की, जबकि स्वीटी ऑस्ट्रेलिया की सू-एम्मा ग्रीनट्री को 4-3 से हराकर अपने दूसरे विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचीं. दिन के पहले मुकाबले में नीतू ने मेजबान टीम को अच्छी शुरुआत दी. पिछले साल विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फ़ाइनल के रीमैच में, नीतू और बलकिबेकोवा ने पहले राउंड में शानदार प्रदर्शन किया.

नीतू, जो इस्तांबुल संस्करण में बाल्किबेकोवा से हार गई थी, ने अपनी गलतियों से सीखा और अच्छी तरह से प्रदर्शन किया.उन्होंने बाल्किबेकोवा को उनके स्वाभाविक खेल से बाहर कर दिया क्योंकि कजाख खिलाड़ी दूर से बॉक्सिंग करना पसंद करती हैं. लेकिन बलकिबेकोवा फिर भी अपना दबदबा कायम रखते हुए 3-2 से राउंड अपने नाम कर लिया.अंतिम दो राउंड में, नीतू अपनी रणनीति में कायम रहीं और क्लीन हुक और जैब्स लगाने में सफल रहीं, लेकिन बाल्किबेकोवा भारतीय खिलाड़ी के लिए मुश्किलें खड़ी करती रहीं.


बाल्किबेकोवा, पिछले संस्करण की रजत पदक विजेता, ने बार-बार बॉडी ब्लो और क्लिंचिंग रणनीति का सहारा लिया. अंतिम तीन मिनट काफी तनावपूर्ण रहे. टूर्नामेंट में यह पहली बार था जब नीतू तीसरा राउंड खेल रही थी.नीतू ने बाउट के बाद कहा, "पिछली बार (इस्तांबुल में) मैं दूर से खेली थी, इसलिए मैं उबर नहीं पा रही थी. इस बार मैं क्लोज रेंज से खेली."

"मुझे अपने दिमाग से खेलना था और अडेप्ट करना था. मैं अपने आप में सुधार देख सकती हूँ. पहले मैं दूर से एक जवाबी आक्रमण खेलती थी लेकिन अब मैं स्थिति के अनुसार अडेप्ट कर सकती हूँ." नीतू अब शनिवार को फाइनल में एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता मंगोलिया की लुत्सेखान अल्तांसेटसेग से भिड़ेंगी.

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