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खास बातें
- जापानी खिलाड़ी को सीधे गेमों में दी मात
- सिंधु ने 21-7 व 21-7 से जीता मुकाबला
- विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में पांचवां पदक रहा
बासेल (स्विट्जरलैंड): भारत की दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु (PV Sindhu creates History) ने आखिकार वह कारनामा कर ही दिखाया, जिसका वह और करोड़ों भारतीय खेलप्रेमी सालों से इंतजार कर रहे थे. पीवी सिंधु ने जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर वर्ल्ड चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाल लिया. और वह यह कारनामा करने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बन गई हैं. यह मुकाबला 37 मिनट तक चला. इस जीत के साथ ही सिंधु ने ओकुहारा से खिलाफ अपना करियर रिकॉर्ड 9-7 का कर लिया है.
पिछले दो लगातार वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली पीवी सिंधु लगातार तीसरे साल फाइनल में अपने सोने का सूखा खत्म करने मैदान पर उतरीं थी. और उन्होंने अपने बेहतरीन खेल से अपने से रैंकिंग में दो पायदान ऊपर जापान की ओकुहारा को सीधे गेम में मात दी.
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मुकाबला पूरी तरह से उम्मीद के उलट एकतरफा साबित हुआ. ओकुहारा ने सिंधु की बेहतरीन सर्विस और रिटर्न से लड़ने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं ही मिली. वर्ष 2017 और 2018 में रजत तथा 2013 व 2014 में कांस्य पदक जीत चुकीं सिंधु ने पहले गेम में अच्छी शुरुआत की और 5-1 की बढ़त बना ली, भारतीय खिलाड़ी इसके बाद 12-2 से आगे हो गईं. सिंधु ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और 16-2 की लीड लेने के बाद 21-7 से पहला गेम जीत लिया. भारतीय खिलाड़ी ने 16 मिनट में पहला गेम अपने नाम किया.
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और इस बढ़त का दबाव जापानी खिलाड़ी पर दूसरे गेम में भी देखने को मिला. और ओकुहारा की हालत पहले गेम की तरह ही रही. और स्कोर भी ऐसा ही रहा. दूसरे गेम में सिंधु ने 2-0 की बढ़त के साथ शुरुआत करते हुए अगले कुछ मिनटों में 8-2 की लीड कायम कर ली. ओलिंपिक पदक विजेता भारतीय खिलाड़ी ने आगे भी अपने आक्रामक खेल के जरिये अंक लेना जारी रखा.
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सिंधु ने मुकाबले में 14-4 की शानदार बढ़त बना ली. इसके बाद उन्होंने लगातार अंक लेते हुए 21-7 से गेम और मैच समाप्त करके बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में पहली बार स्वर्ण पदक जीत लिया.