BADMINTON: इस वजह से लक्ष्य सेन ने रच डाला इतिहास, पीवी सिंधु भी कर चुकी हैं कारनामा

BADMINTON: इस वजह से लक्ष्य सेन ने रच डाला इतिहास, पीवी सिंधु भी कर चुकी हैं कारनामा

इतिहास रचने वाले भारतीय जूनियर बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन

खास बातें

  • 1965 में गौतम ठक्कर ने गोल्ड मेडल जीता था
  • लक्ष्य बनेंगे भविष्य के गोपीचंद?
  • यह जीत कुछ कहती है!
जकार्ता:

छठी वरीयता प्राप्त भारत के लक्ष्य सेन ने जकार्ता में चल रही जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में वह कारनामा कर दिखाया, जो उनसे पहले दो ही भारतीय खिलाड़ी कर सके थे, लेकिन इन दोनों खिलाड़ियों के मुकाबले खास कारण से लक्ष्य सेन की जीत उनसे अलग रही. लक्ष्य ने चैंपियन के खिताबी मुकाबले के फाइनल में कुनलावुत वितिदसरन को सीधे गेमों में मात देकर खिताब अपनी झोली में डाल लिया. वह ऐसा करने वाले दूसरे पुरुष और तीसरे भारतीय खिलाड़ी हैं. 16 साल के लक्ष्य सेन अपने वर्ग में दुनिया के नबंर-9 खिलाड़ी हैं. और वह नंबर-1 खिलाड़ी रह चुके हैं. 

बता दें कि एशियाई पुरुष जूनियर वर्ग में 53 साल पहले 1965 में गौतम ठक्कर ने गोल्ड मेडल जीता था. उनके बाद पीवी सिंधु ने 2012 में महिला वर्ग का खिताब अपने नाम किया था. जकार्ता में खेले गए इस टूर्नमेंट के खिताबी मुकाबले में लक्ष्य ने पहला गेम 21-19 से जीता. दोनों ही खिलाड़ियों के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिली, लेकिन भारतीय शटलर ने टॉप सीड कुनलावुत को हराने में सफलता हासिल कर ली. 

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पहले की ही तरह दूसरा गेम भी कांटे भरा रहा. एक वक्त दोनों 14-14 से बराबर पर थे, लेकिन भारतीय स्टार ने 21-18 से गेम जीतते हुए खिताब अपने नाम कर लिया. इससे पहले लक्ष्य ने सेमीफाइनल में चौथी सीड इंडोनेशिया के इखसान लियोनार्डो इमानुएल रुमबे को 21-7, 21-14 से हराया. वहीं, दूसरी ओर, थाइलैंड के खिलाड़ी ने तीसरी सीड चीन के यूपेंग बेई को 21-14, 21-12 से मात दे फाइनल में प्रवेश किया था. यह दोनों ही खिलाड़ियों के बीच पहली भिड़ंत थी. 


VIDEO: जब पिछले साल पीवी सिंधु वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर लौटी थीं.

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हालांकि, लक्ष्य से पहले साल 19965 में गौतम ठक्कर इस वर्ग में खिताब अपनी झोली में डाल चुके थे. लेकिन लक्ष्य सेन ने इस लिहाज से नया इतिहास रचा कि क्योंकि पराजित थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसरन अपने वर्ग में फिलहाल दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी हैं.