
भारत के बैडमिंटन प्लेयर एचएस प्रणॉय (HS Prannoy) खफा हो गए हैं. बता दें कि एचएस प्रणॉय को इस बार भी अर्जुन अवॉर्ड (Arjuna Award) के लिए उनका नाम प्रस्तावित नहीं किया गया है. ऐसे में उन्होंने ट्वीट कर अपनी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने ट्वीट करके लिखा, 'एक बार फिर वही पुरानी बातें, राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई चैम्पियनशिप में मैडल जीतने वाले खिलाड़ी के नाम की अनुशंसा संघ के द्वारा नहीं की गई, और जिस खिलाड़ी ने कभी भी ऐसे बड़े टूर्नामेंट भी नहीं जीते उनके नाम की सिफारिश की गई है. वाह, यह देश मजाक बन गया है.' बता दें कि एचएस प्रणॉय बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स 2018 में सेमीफाइनल तक पहुंचे थे.
Never actually understood the system of applying for an award . I hope this changes . Be strong bro .
— Parupalli Kashyap (@parupallik) June 3, 2020
प्रणॉय अपने करियर में श्रेष्ठ रैंकिंग 8 पर भी पहुंचने में सफल रहे हैं. हालांकि 2019 में उनका परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा लेकिन साल 2017 में प्रणय ने मलेशिया के पूर्व वर्ल्ड नंबर 1 ली चोंग वेई को इंडोनेशियाई ओपन में हराया था. बात दें कि एचएस प्रणॉय के ट्वीट के बाद दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी पारुपल्ली कश्यप (Parupalli Kashyap) ने भी ट्वीट कर अपनी राय दी है और लिखा है कि पुरस्कार के लिए आवेदन देने की प्रक्रिया समझ के परे है. मैं उम्मीद करता हूं कि यह बदलेगा. मजबूर रहो मेरे भाई.
खेल मंत्री ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार के लिए नामांकन की तारीख को 22 जून तक के लिए बढ़ा दिया है. इसके अलावा मंत्रालय ने लॉकडाउन के चलते होने वाली परेशानी के कारण खिलाड़ियों को अपना नामांकन खुद दाखिल करने की मंजूरी दे दी है. गौरतलब है कि खेल पुरस्कार की नामांकन प्रक्रिया मुख्य तौर पर अप्रैल में शुरू होती है लेकिन कोरोनावायरस के कारण इसमें देरी हो गई. यह पहली बार है जब मंत्रालय ने नामांकन ई-मेल के लिए जरिए मांगे हों.
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